जम्मू-कश्मीर में 3 आतंकवादियों का खात्मा, सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी
श्रीनगर। परिम्पोरा इलाके में बीती रात शुरू हुई मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए हैं। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि आतंकवादियों ने मंगलवार शाम परिम्पोरा इलाके में घेराबंदी और तलाशी अभियान के दौरान सुरक्षा बलों पर हमला कर दिया था। उन्होंने कहा कि इसके बाद घेराबंदी को और पुख्ता किया गया और दोनों ओर से पूरी रात रुक-रुक कर गोलीबारी होती रही। अधिकारियों ने कहा कि एक आतंकवादी आज तड़के मारा गया जबकि दो अन्य को कुछ घंटे बाद ढेर कर दिया गया। उन्होंने कहा कि अभियान की विस्तृत जानकारी कुछ समय बाद साझा की जाए
इस साल 29 दिसंबर तक जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों ने कुल 203 आतंकवादियों को मार गिराया था और बुधवार को मारे गए 3 आतंकवादियों के बाद अब यह आंकड़ा 206 तक पहुंच गया है। 29 दिसंबर तक मारे गए 203 आतंकवादियों में 166 स्थानीय आतंकी भी शामिल थे। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में इस दौरान 43 नागरिक भी मारे गए जबकि 92 अन्य घायल हो गए। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों ने इस साल 49 आतंकवादियों को गिरफ्तार किया जबकि नौ आतंकवादियों का आत्मसमर्पण भी सुनिश्चित किया।
अधिकारियों ने कहा कि यह संयुक्त सुरक्षा ग्रिड में काम कर रही सेना, पुलिस और केरिपुब के समन्वित प्रयासों का नतीजा है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में इस साल 203 आतंकवादी मारे गए और उनमें से 166 स्थानीय थे और 37 पाकिस्तानी या फिर विदेशी मूल के थे। उन्होंने कहा कि 2020 में आतंकवाद संबंधी 96 घटनाएं हुईं। उन्होंने बताया कि इन घटनाओं में 43 नागरिकों की भी जान गई जबकि 92 अन्य घायल हो गए। उन्होंने कहा कि हताहत नागरिकों की संख्या में 2019 के मुकाबले कमी आई है, पिछले साल जहां 47 नागरिकों की मौत हुई थी और 185 अन्य घायल हुए थे। सूत्रों ने बताया कि 2020 के दौरान 14 आईईडी बरामद की गईं जबकि 2019 में 36 आईईडी बरामद की गईं थीं।
जम्मू कश्मीर में 2019 में सुरक्षा बलों ने 120 स्थानीय और 32 पाकिस्तानी मूल के आंतकियों समेत कुल 152 आतंकवादियों को मार गिराया था जबकि 2018 में सुरक्षा बलों के हाथों 215 आतंकी मारे गए थे। रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में जम्मू कश्मीर में 614 आतंकी घटनाओं में कुल 257 आतंकवादी, 91 सुरक्षाकर्मी और 39 नागरिक मारे गए थे। सूत्रों के मुताबिक दक्षिण कश्मीर में सर्वाधिक मुठभेड़ हुई जहां सबसे ज्यादा आतंकवादी मारे गए। शोपियां, कुलगाम और पुलवामा जैसे क्षेत्रों में आतंकी समूहों द्वारा स्थानीय युवकों की भर्ती के मामले सामने आए और यहीं सबसे ज्यादा मुठभेड़ भी हुईं।