जम्मू में फिर दिखे 3 ड्रोन, एयरबेस पर लगाया गया एंटी ड्रोन सिस्टम और जैमर
जम्मू. जम्मू (Jammu) में वायुसेना एयरबेस पर ड्रोन के जरिये गिराए गए विस्फोटक के बाद सैन्य ठिकानों के ऊपर ड्रोन (Drone) दिखने का सिलसिला थम नहीं रहा है. अब बुधवार को सुबह-सुबह जम्मू के कालूचक, मिरान साहब और कुंजवनी में 3 ड्रोने देखे गए हैं. इसे लेकर सुरक्षाबल सतर्क हैं. हालांकि अभी इस घटना के संबंध में अधिक जानकारी का इंतजार है. वहीं ड्रोन के खतरे को देखते हुए जम्मू के वायुसेना स्टेशन पर सुरक्षा के लिए एंटी ड्रोन सिस्टम और जैमर जैसे अत्याधुनिक उपकरण लगाए गए हैं.
अफसरों का कहना है कि वायुसेना स्टेशन में नेशनल सेक्योरिटी गार्ड (NSG) की ओर से एंटी ड्रोन सिस्टम लगाया गया है. साथ ही जम्मू के सभी सैन्य ठिकानों पर भी ये लगाया जाएगा. इससे पहले सोमवार को सेना के जवानों ने रत्नुचक-कालूचक स्टेशन के ऊपर उड़ रहे दो ड्रोन पर गोलीबारी की थी, जो बाद में लापता हो गए थे.अफसरों के मुताबिक एक ड्रोन रविवार देर रात पौने 12 बजे और दूसरा ड्रोन दो बजकर 40 मिनट पर देखा गया था. सैनिकों के गोलियां चलाने के बाद वे वहां से उड़ गए. साल 2002 में यहां आतंकवादी हमला हुआ था, जिसमें 10 बच्चों समेत 31 लोगों की मौत हुई थी.
वहीं जम्मू हवाई अड्डा परिसर में स्थित वायुसेना स्टेशन पर हुए ड्रोन हमले की जांच मंगलवार को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने संभाल ली है. भारतीय वायुसेना स्टेशन पर रविवार तड़के हुए अपनी तरह के ऐसे पहले आतंकवादी हमले की जांच एनआईए को सौंपने का फैसला गृह मंत्रालय ने किया है. गृह मंत्रालय के आदेश के अनुरूप एनआईए ने कहा कि उसने 27 जून की तारीख में सतवारी थाने में पुन: मामला पंजीकृत किया है.
एजेंसी के प्रवक्ता ने बताया कि एनआईए जम्मू में विस्फोटक तत्व अधिनियम, गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम की अनेक धाराओं तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत मामला दर्ज किया गया है.प्रवक्ता ने कहा कि मामला जम्मू के वायु सेना केंद्र, सतवारी परिसर के अंदर एक विस्फोट तथा उसके करीब छह मिनट बाद एक और विस्फोट होने से संबंधित है.