जासूसी विवाद: अमेरिका ने लगाया प्रतिबंध; तो रूस बोला, ठोस जवाब के लिए तैयार रहें
मॉस्को: रूस के सात सबसे प्रभावशाली कुलीनों पर अमेरिका द्वारा नए प्रतिबंध लगाए जाने पर रूस ने शनिवार (7 अप्रैल) को ‘‘कड़ी प्रतिक्रिया’’ देने की बात कही. रूस के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘हम मौजूदा हमले या रूस के खिलाफ किसी भी नए हमले का कड़ा जवाब दिए बिना नहीं छोड़ेंगे.’’ अमेरिका के प्रतिबंधों में 12 कंपनियों, 17 वरिष्ठ रूसी अधिकारियों और हथियारों का निर्यात करने वाली एक सरकारी कंपनी को निशाना बनाया गया है. गौरतलब है कि पूर्व जासूस सर्गेइ स्क्रिपल को जहर देने के मामले से रूस और पश्चिमी देशों के बीच कूटनीतिक संकट पैदा हो गया है.
पूर्व जासूस सर्गेइ स्क्रिपल को जहर देने का मामला
मंत्रालय ने कहा, ‘‘पहले के 50 चरणों के प्रतिबंधों से कुछ हासिल ना होने के बाद अमेरिका वीजा जारी ना करके डर फैला रहा है, रूस के उद्योगों की कंपनियों की संपत्ति जब्त करने की धमकी दे रहा है, जबकि वह भूल गया है कि निजी संपत्ति और अन्य लोगों के धन को अधिग्रहण करना चोरी मानी जाती है.’’ उसने कहा कि ऐसे प्रतिबंध अमेरिका को‘‘ बाजार अर्थव्यवस्था तथा ईमानदार और स्वतंत्र प्रतियोगिता के दुश्मनों’’ की श्रेणी में रखते हैं क्योंकि वे‘‘ विदेशी बाजारों में प्रतिद्वंद्वियों को खत्म करने के लिए प्रशासनिक हथकंडे अपनाते हैं.’’
अमेरिका ने पुतिन के कुलीन सहयोगियों पर प्रतिबंध लगाया
अमेरिका ने बीते 6 अप्रैल को सात रूसी कुलीनों के खिलाफ प्रतिबंध लगाया. उनपर पाश्चात्य लोकतंत्र को कमजोर करने के राष्ट्रपति पुतिन के प्रयासों का समर्थन करने और उनसे लाभ लेने का आरोप है. अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारियों ने धनी अंतरराष्ट्रीय कारोबारियों को पुतिन के भरोसेमंद लोगों के समूह में शामिल बताया. एक अधिकारी ने बताया कि अमेरिका यह कार्रवाई दुनियाभर में रूसी सरकार की नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों के जवाब में कर रहा है.
प्रतिबंध से प्रभावित कारोबारियों में अल्यूमीनियम कारोबारी ओलेग डेरीपास्का भी शामिल हैं. उनपर आरोप लगाया जाता है कि वह रूसी सरकार के लिये काम कर रहे हैं. इसमें सरकारी ऊर्जा कंपनी गजप्रोम के निदेशक एलेक्सी मिलर का नाम भी शामिल है.