झारखंड में JMM+Cong+RJD गठबंधन ने पार किया बहुमत का आंकड़ा, बीजेपी पिछड़ी
नई दिल्ली: झारखंड विधानसभा चुनाव (Jharkhand Assembly Election 2019) के रुझानों में विपक्षी गठबंधन झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), कांग्रेस और राजद गठबंधन 46 सीटों पर बढ़त के साथ बहुमत का आंकड़ा पार चुका है. राज्य की 81 सीटों में से ये गठबंधन 46 सीटों पर आगे है. वहीं बीजेपी 24 सीटों पर आगे है. क्षेत्रीय दलों सुदेश महतो की पार्टी आजसू-4 और बाबूलाल मरांडी की झारखंड विकास मोर्चा (JVM)-3 सीटों पर आगे चल रही है. 4 सीटों पर निर्दलीय आगे चल रहे हैं. इस बीच चुनावी बढ़त के बीच हेमंत सोरेन ने पिता शिबू सोरेन से मुलाकात की. वहीं अगर महत्वपूर्ण सीटों की बात की जाए तो मुख्यमंत्री रघुबर दास, जमशेदपुर पूर्व सीट से पीछे चल रहे हैं. इस सीट पर बीजेपी के बागी उम्मीदवार सरयू राय आगे चल रहे हैं. जेएमएम नेता हेमंत सोरेन दोनों सीटों से आगे चल रहे हैं.मुख्यमंत्री रघुबर दास ने रुझानों पर कहा है कि अभी रुझानों पर कुछ कहना सही नहीं है. नतीजे आने के बाद संगठन विचार करेगा. लोकतंत्र में कोई भी जश्न मना सकता है लेकिन हमारा भरोसा है कि हम ही चुनाव जीतेंगे. उन्होंने कहा कि ये रुझान अंतिम परिणाम नहीं हैं. अभी कई राउंड की वोटों की गिनती बाकी है. ऐसे में इस वक्त रुझानों पर भविष्यवाणी करना सही नहीं होगा. मैं बाद में इस मुद्दे पर प्रेस कांफ्रेंस करूंगा. उन्होंने विधानसभा चुनाव के संबंध में कहा कि हम चुनाव जीतेंगे और बीजेपी के नेतृत्व में सरकार बनाएंगे.
आजसू और जेवीएम
यदि आजसू की बात की जाए तो चुनावों से पहले ये पार्टी बीजेपी के साथ सत्ता में थी और इसके नेता सुदेश महतो उपमुख्यमंत्री थे लेकिन लेकिन चुनाव के वक्त सीटों पर सहमति नहीं बन पाने के कारण इसने अलग से चुनाव लड़ा. इसी तरह बाबूलाल मरांडी की जेवीएम भी 3 सीटों पर आगे चल रही है. बाबूलाल मरांडी ने रुझानों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है नतीजे हमारी अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं हैं. लेकिन हम जनादेश का सम्मान करते हैं. जनादेश के मुताबिक हम अपनी भूमिका निभाएंगे. पूरी तरह से नतीजे आने के बाद हम इस पर विचार करेंगे.
रघुबर दास बनाम सरयू राय
वैसे मतगणना के दिन जिस सीट पर सबकी निगाहें टिकी हैं, वह है जमशेदपुर पूर्वी सीट. मुख्यमंत्री रघुवर दास वर्ष 1995 से यहां से जीतते आ रहे हैं. उनके खिलाफ उनके पूर्व-कैबिनेट सहयोगी सरयू राय मैदान में हैं. राय ने पार्टी से टिकट कटने के बाद बगावत कर मुख्यमंत्री की राह का कांटा बनने का फैसला किया. इस सीट पर फिलहाल सरयू राय आगे चल रहे हैं. उन्होंने कहा कि आगे आने वाले राउंड में 1500-2000 वोटों की बढ़त मेरी जारी रह सकती है और अंत में 30 हजार वोटों के अंतर से मेरे जीतने की संभावना है.