टीएमसी का बड़ा फैसला, उपराष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग प्रक्रिया से दूर रहेगी पार्टी, विपक्ष को लगा झटका
नई दिल्ली: उपराषट्रपति चुनाव को लेकर तृणमूण कांग्रेस (Trinamool Congress) ने एक बड़ा फैसला लिया है. टीएमसी ने गुरुवार को ऐलान किया कि वह आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव (Vice President Election 2022) की वोटिंग प्रक्रिया में भाग नहीं लेगी. टीएमसी के इस फैसले से विपक्ष की एकजुटता को एक बड़ा झटका लगा है. पार्टी के इस फैसले की जानकारी पार्टी नेता और सांसद अभिषेक बनर्जी ने दी.
गौरतलब है कि देश के अगले उपराष्ट्रपति के लिए एनडीए की तरफ से पश्चिम बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ को उम्मीदवार बनाया गया है जबकि वहीं विपक्ष ने राजस्थान की पूर्व राज्यपाल मार्गरेट अल्वा को उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया है.
TMC ने कहा- NDA उम्मीदवार को समर्थन नहीं
तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव बनर्जी ने कहा कि एनडीए के उम्मीदवार को समर्थन देने का सवाल ही नहीं है क्योंकि उन्होंने राज्यपाल रहते हुए सरकार के साथ समन्वय नहीं रखा और विपक्ष ने बिना परामर्श के अल्वा के नाम का ऐलान कर दिया. उन्होंने कहा कि लेकिन पार्टी सांसदों के साथ आज की बैठक के बाद यह तय किया गया है कि हम उपराष्ट्रपति चुनाव से दूर रहेंगे.
उन्होंने कहा, ‘‘हम तृणमूल कांग्रेस को विश्वास में लिये बिना विपक्षी उम्मीदवार की घोषणा करने की प्रक्रिया से असहमत हैं। हमसे न तो कोई सलाह ली गई और न ही हमसे किसी बात पर चर्चा की गई। इसलिए हम विपक्ष के उम्मीदवार का समर्थन नहीं कर सकते.’’
राष्ट्रपति चुनाव में सक्रिय थी टीएमसी
बता दें कि एनसीपी चीफ शरद पवार ने टीएमसी से कहा था कि वह विपक्षी की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को अपना समर्थन दें इस पर टीएमसी ने जवाब में कहा था कि वह इस बारे में संसदीय दल की बैठक में फैसला लेगी. टीएमसी के इस फैसले से विपक्ष को बड़ा झटका लगा है.इससे पहले राष्ट्रपति चुनाव में टीएमसी काफी सक्रिय दिखी थी. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राष्ट्रपति उम्मीदवार को चुनने के लिए दिल्ली में विपक्षी पार्टियों के साथ मीटिंग भी की थी. हालांकि उस बैठक में राष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम पर फैसला नहीं हो सका था. बाद में टीएमसी ने यशवंत सिंह को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया था.