डीजल कारें होंगी महंगी, सरकार दो फीसदी तक बढ़ा सकती है टैक्‍स

नई दिल्लीः सरकार डीजल कारों की कीमत फिर बढ़ाने की तैयारी में है. उसने डीजल वाहनों पर टैक्‍स में दो फीसदी तक कर बढ़ाने का प्रस्‍ताव किया है. सड़क परिवहन मंत्रालय के एक सर्कुलर में यह भी प्रस्‍ताव है कि इलेक्ट्रिक कारों पर डिस्‍काउंट दिया जाएगा. ऐसा तेल की बढ़ती कीमतों और अन्‍य ईंधन को बढ़ावा देने के मद्देनजर होगा. उत्‍पाद एवं सेवा कर (जीएसटी) लगने के बाद से एक कैटेगरी के तहत डीजल और पेट्रोल कारों के लि‍ए टैक्‍स समान हो गया है और इसकी गणना इंजन के आकार और कार की बनावट से तय होती है. जीएसटी से डीजल पर प्रस्‍तावि‍त ज्‍यादा टैक्‍स के साथ ही एक बार फि‍र सभी प्रकार की कारों पर लगने वाले इस कर में बदलाव संभव है.

अभी कितना लगता है टैक्स
फिलवक्‍त 4 मीटर से कम लंबाई व 1.5 लीटर इंजन से कम क्षमता की डीजल कारों पर 31 फीसदी टैक्स लगता है. इसमे दो फीसदी टैक्‍स बढ़ने से यह 33 फीसदी हो जाएगा. यानि जीएसटी के पहले जैसी स्थिति हो जाएगी. वहीं मिड साइज सिडान पर 47 फीसदी और एसयूवी गाड़ियों पर 50 फीसदी टैक्स लगता है. इलेक्ट्रिक वाहनों पर अभी जीएसटी के तहत 12 फीसदी टैक्स लगता है. कम टैक्स होने के बावजूद इलेक्ट्रिक वाहन, डीजल और पेट्रोल की गाड़ियों से महंगे हैं. सरकार का इरादा है कि आने वाले दिनों में ज्यादा से ज्यादा लोग पेट्रोल-डीजल कारों से इलेक्ट्रिक वाहनों पर शिफ्ट हो जाएं.

स्‍व‍िफ्ट डिजायर और आई20 हो जाएंगी महंगी
टैक्‍स बढ़ने से मारुति‍ सुजुकी स्‍वि‍फ्ट़ स्‍वि‍फ्ट डीजयर, ह्युंडई आई20 जैसी कारों के साथ-साथ सब कॉपैक्‍ट एसयूवी जैसे फोर्ड इको स्‍पोर्ट, टाटा नेक्‍सन, वि‍टारा ब्रीजा ही नहीं सब-कॉम्‍पैक्‍ट सिडान पर भी असर पड़ेगा. इसमें होंडा अमेज आती है. एसयूवी पर टैक्‍स पहले से ही सबसे ज्‍यादा है और यह अब और बढ़ जाएगा, जि‍ससे कार खरीदने वालों की जेब पर असर पड़ेगा. एसयूवी के पेट्रोल वर्जन की मांग इन दिनों बढ़ी है.

हर बिकने वाली चार में एक कार डीजल
एक अध्‍ययन के मुताबिक पांच साल पहले तक दो बिकने वाली कार में एक कार डीजल होती थी लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है. अब हर बिकने वाली चार कारों में एक डीजल होती है. यह स्थिति सिडान या काम्‍पैक्‍ट कारों की नहीं बल्‍कि एसयूवी भी इससे प्रभावित है. 2012-13 में एसयूवी में पेट्रोल वर्जन का शेयर 3 फीसदी से बढ़कर अब 2017-18 में 16 फीसदी पर पहुंच गया है. इसका कारण पेट्रोल और डीजल की कीमतों में खास फर्क न होना है. दूसरे दिल्‍ली-एनसीआर में 2000 सीसी से ज्‍यादा क्षमता वाले डीजल वाहनों पर पाबंदी है. साथ ही कई शहरों में डीजल टैक्‍सी की मनाही है. इससे डीजल कारों की बिक्री में गिरावट आई है.

Related Articles

Back to top button

Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (1) in /home/tarunrat/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427

Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (1) in /home/tarunrat/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427