तमिलनाडु के पूर्व मुख्‍यमंत्री एम करुणानिधि की तबीयत फिर बिगड़ी, मेडिकल सपोर्ट पर रखा गया

नई दिल्ली: तमिलनाडु के पूर्व मुख्‍यमंत्री और द्रविड़ मुनेत्र कडगम (द्रमुक) अध्यक्ष एम. करुणानिधि की तबीयत फिर बिगड़ गई है। सोमवार को उनकी तबीयत फिर बिगड़ने की खबर के बाद द्रमुक कार्यकर्ता और उनके शुभचिंतक अस्पताल के पास एकत्रित होना शुरू हो गए हैं। 94 वर्षीय करुणानिधि गत 10 दिनों से यहां कावेरी अस्पताल में भर्ती हैं। डॉक्टरों ने कहा कि अगले 24 घंटों में उन पर हो रहे इलाज के असर के बाद उनकी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दी जा सकेगी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से लेकर तामिलनाडु के मंत्री तक करुणानिधि का हाल जानने के लिए अस्पताल पहुंचे। अस्पताल के इस खबर ने सबको तोड़ कर रख दिया है कि करुणानिधि के शरीर के कई अंग ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। अस्पताल के बयान के अनुसार, “करुणानिधि की स्थिति में लगातार गिरावट हो रही है। उम्र संबंधी बीमारी की वजह से उनके महत्वपूर्ण अंगों को काम करने के लायक बनाए रखना लगतार चुनौती बना हुआ है।”

बयान के अनुसार, “उन पर लगातार निगरानी रखी जा रही है और एक्टिव मेडिकल सपोर्ट के जरिए उनका इलाज किया जा रहा है। अगले 24 घंटों में वे इलाज पर किस तरह की प्रतिक्रिया देते हैं, इसके बाद उनकी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दी जा सकेगी।” करुणानिधि की हालत नाजुक होने की खबर के बाद सैकड़ों द्रमुक कार्यकर्ताओं ने अलवरपेट में कावेरी अस्पताल की ओर जाना शुरू कर दिया जिसके बाद शहर के कई जगहों पर यातायात बाधित हो गया।

द्रमुक के महासचिव के. अनबालागन, करुणानिधि के परिजन और अन्य नेता उनके स्वास्थ्य खराब होने की खबर के बाद अस्पताल पहुंचे। स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए पुलिस की तैनाती की गई है। पांच बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे 94 वर्षीय करुणानिधि को बढ़े रक्तचाप के बाद 28 जुलाई को कावेरी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

94 साल के करुणानिधि द्रमुक के सबसे बड़े नेता हैं। पार्टी के संस्थापक अन्नादुरई की मौत के बाद करुणानिधि पार्टी प्रमुख बने। वो तमिलनाडु के 5 बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। करीब 50 साल पहले 1969 में करुणानिधि पहली बार तामिलनाडु के सीएम बने थे और आखिरी बार 2003 में।

करुणानिधि का सियासी सफर तब तक अधूरा रहता है जब तक उसमें फिल्मों का जिक्र न हो। आज अगर उन्हें एक सियासतदां के तौर पर समर्थक प्यार करते हैं तो एक जमाना था जब उन्हें लोग सुपरहिट फिल्मस्टार की तरह चाहते थे।

करुणानिधि तमिल फिल्मों के पटकथा लेखक रहे हैं। वो 75 से ज्यादा फिल्मों में पटकथा लिख चुके हैं। विरोधी का आरोप है कि करुणानिधि ने तामिल सिनेमा का इस्तेमाल सियासी विचार के लिए किया था। 1952 में पर्दे पर आई पराशक्ति लेखक के तौर पर करुणानिधि की बड़ी हिट फिल्म थी। रुढ़िवादी हिंदुओं के विरोध के बावजूद फिल्म को जबरदस्त कामयाबी मिली थी।

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