तालिबानी सरकार के PM होंगे मुल्ला हसन अखुंद
तालिबान में नई सरकार का गठन हो गया और मुल्ला हसन अखुंद को प्रमुख नियुक्त किया गया है। लेकिन किसी भी महिला को नई सरकार में अभी जगह नहीं मिली है। पिछले कुछ हफ्तों से अफगानिस्तान पर सभी की नजर है। अमेरिका ने तो साफ कर दिया है कि वह तालिबानी सरकार को मान्यता नहीं देगी। वहीं बात पश्चिम बंगाल और पंजाब की भी होगी। टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी से ईडी ने जहां 9 घंटे तक पूछताछ की तो वहीं पंजाब में एक नयी बात सामने आई। तालिबान ने नई सरकार के मंत्रिमंडल की घोषणा करते हुए मुल्ला हसन अखुंद को प्रधानमंत्री नियुक्त किया। मंत्रिमंडल में अमेरिका नीत गठबंधन और अफगान सरकार के सहयोगियों के खिलाफ 20 साल तक चली जंग में दबदबा रखने वाली तालिबान के मुख्य लोगों को शामिल किया गया है। तालिबान के पिछले शासन के अंतिम वर्षों में अखुंद ने अंतरिम प्रधानमंत्री के तौर पर काबुल में तालिबान की सरकार का नेतृत्व किया था।
अमेरिका के साथ वार्ता का नेतृत्व करने वाले मुल्ला गनी बरादर को उप प्रधानमंत्री बनाया जाएगा। बरादर ने अमेरिका के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किये थे, जिसके तहत अमेरिका पूरी तरह अफगानिस्तान से बाहर निकल गया था। इस सरकार में गैर-तालिबानियों को जगह दिये जाने की कोई जानकारी नहीं मिली है जबकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सबसे बड़ी मांग है कि अफगानिस्तान में समावेशी सरकार का गठन होना चाहिए। हालांकि तालिबान के तमाम दावे धरे के धरे रह गए। महिलाओं को कोई स्थान नहीं मिला।
तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने मंत्रिमंडल की घोषणा करते हुए कहा कि यह नियुक्तियां अंतरिम सरकार के लिए की गई हैं। उन्होंने यह नहीं बताया कि मंत्रिमंडल में शामिल लोगों का कार्यकाल कितना लंबा होगा और कैबिनेट में बदलाव के क्या मानदंड होंगे। अब तक तालिबान ने चुनाव कराने का कोई संकेत नहीं दिया है।
वहीं अफगानिस्तान से एयरलिफ्ट किए गए अफगानियों का नया पता अब दिल्ली का गुरुद्वारा है। 40 से अधिक लोग गुरु अर्जन सिंह गुरुद्वारे में ठहरे हुए हैं। एक अफगानी नागरिक ने भारत के प्रयासों की सराहना की और केंद्र सरकार का आभार जताया।