तीन तलाक कानून पर कांग्रेस का यू-टर्न, कहा- गुजाराभत्ते का हो प्रावधान
नयी दिल्ली। तीन तलाक संबंधी विधेयक के बारे में कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को स्पष्ट किया कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा लाये गये इस प्रस्तावित कानून के विरूद्ध नहीं है किंतु वह इसमें संशोधन चाहती है ताकि पीड़ित महिलाओं के लिए गुजाराभत्ते की व्यवस्था हो सके। इससे पूर्व, महिला कांग्रेस की प्रमुख सुष्मिता देव ने यहां कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के एक सम्मेलन में कहा था कि कांग्रेस यदि 2019 में सत्ता में आयी तो वह तीन तलाक संबंधी कानून खत्म कर देगी।तीन तलाक संबंधी विधेयक पर सुष्मिता के बयान के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘तीन तलाक एक प्रथा है जिसकी आधुनिक समाज में कोई जगह नहीं। सुष्मिता जी ने सिर्फ इतना कहा है कि अगर पति को जेल भेज दिया जाएगा तो बच्चों और परिवार का भरणपोषण कौन करेगा? क्या उस महिला और बच्चों को पति की संपत्ति या आमदनी से गुजारा भत्ता नहीं मिलना चाहिए? मोदी जी इसका प्रावधान क्यों नहीं कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम कानून में यह संशोधन चाहते हैं, लेकिन मोदी जी नहीं चाहते क्योंकि वह महिलाओं के विरोधी हैं।’’ इससे पहले, अखिल भारतीय महिला कांग्रेस प्रमुख सुष्मिता देव ने कहा कि काफी लोगों ने हमें बताया कि यदि तीन तलाक विधेयक पारित हो गया तो महिलाओं का सशक्तिकरण होगा। यद्यपि हमने कानून का विरोध किया क्योंकि यह एक हथियार है ‘‘जो मोदीजी ने मुस्लिम पुरुषों को जेल में डालने और उन्हें पुलिस थानों में खड़ा करने के लिए तैयार किया है।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी खड़ी हुई और उसका संसद में विरोध किया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं आप सभी से वादा करती हूं कि कांग्रेस सरकार 2019 में आएगी और इस कानून को खत्म करेगी। हालांकि यह भी निश्चित है कि किसी भी सरकार द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए जो भी कानून लाया जायेगा, कांग्रेस उसका समर्थन करेगी।’’