दिल्ली में शुरू हुआ दुनियाभर के मुख्य न्यायाधीशों का सम्मेलन, बच्चे हैं इस बार मुद्दा
नई दिल्ली: दुनिया भर में बच्चों को किसी भी तरह की विभीषिका से बचाने के लिए और उनको हर मुद्दे पर जागरूक करने के मकसद से दिल्ली में आज कई देशों के मुख्य न्यायाधीश, स्पीकर, राजनेता जुटे. 7 से 12 नवंबर तक चलने वाला ये आयोजन दिल्ली और लखनऊ में होगा. दिल्ली में आज पहले सत्र की शुरुआत केंद्रीय रेल और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने की.दुनिया भर के 71 देशों के विद्वान इसमें शामिल होकर अलग अलग सेशन में अलग मुद्दों पर चर्चा करेंगे.
अगले चार दिन लखनऊ में इसका आयोजन चलेगा जिसमें क्लाइमेट चेंज, प्रदूषण, बेरोजगारी, गरीबी, भुखमरी, युद्ध के हालात से कैसे निपटा जाये और बच्चों पर इसका असर क्या हो रहा है इन सब पर मंथन होगा. इस आयोजन में स्कूली बच्चों के अलावा उत्तरप्रदेश के राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह समेत और कई कई नेता शामिल होंगे.
दुनियाभर के मुख्य न्यायाधीशों का ये विश्व सम्मेलन है
दुनियाभर के मुख्य न्यायाधीशों का ये विश्व सम्मेलन है. अलग अलग मु्द्दो पर जागरूकता फैलाने के लिहाज से और खासकर वैश्विक सामाजिक बुराइयों से कैसे मुकाबला किया जाए इस पर चर्चा करने के लिए बीते बीस साल से इस तरह का सम्मेलन लखनऊ के सिटी मांटेसिरी स्कूल की तरफ से किया जाता है. अलग अलग सत्रों में दुनिया भर के न्यायाधीश, राजनेता, और जानी मानी हस्तियां इसमें भाग लेती है और चर्चा करती है.
जेंडर समानता को लेकर आज दिल्ली में रेल मंत्री पीयूष गोयल के अलावा, त्रिनाद-टोबैगो के पूर्व मुख्य न्याधीस और पूर्व राष्ट्रपति एंटोनी थामस और साऊथ अफ्रीका के मुख्य न्यायाधीश थामस रिक्संग मोगियोंग, मिस्र के डिप्टी चीफ जस्टिस आदिल ओमर शेरिफ भी शामिल हुए. जैंडर समानता पर मीडिया, न्यायपालिका, सरकार और स्कूल की भूमिका पर चर्चा करते हुए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि ये ऐसा अहम मुद्दा है जिस पर जिम्मेदारी के साथ जागरूकता फैलाने की जरूरत है जिससे समाज में सबका भला हो सके.
सभी विद्वान इस बात से सहमत थे कि कई देशों में महिलाओं को समानता का अधिकार प्राप्त नही लिहाजा दुनियाभर में इस मु्द्दे पर बहुत कुछ करने की जरूरत है. परिवार से लेकर समाज तक महिलाओँ के अधिकार की रक्षा करने के लिए मीडिया को और सशक्त भूमिका निभानी चाहिए.
दिल्ली और लखनऊ में अंतरराष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीशों के 20वें सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. इस आयोजन का मकसद लैंगिंक समानता को बढावा दे. आज लैंगिंक समानता पर चर्चा से शुरूआत हुई.
7 से 12 नवंबर तक चलेगा
इस सम्मेलन में न्यायाधाशों के अलावा कई देशों के राजनेता, पूर्व राष्ट्रपति, स्पीकर भी शामिल हो रहे है इस आयोजन का मकसद दुनिया भर में बच्चों के भविष्य को सुरक्षित बनाना है. दिल्ली में आज इसके पहले सत्र की शुरूआत हुई और आगे चार दिन ये लखनऊ में चलेगा. इसमें अलग अलग सत्र में यूपी के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, और रक्षामंत्री शामिल होंगे. क्लाइमेट चेंज, युद्ध के हालात, आंतकवाद, भुखमरी, गरीबी से लड़ाई से कैसे निपटा जाये इन सब पर चर्चा होगी.