दुनिया को विश्वास बहुत सारी समस्याओं का समाधान भारत से ही होगा- पीएम नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी ने आज राज्यसभा में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण का जवाब दिया। पूरा विश्व अनेक चुनौतियों से जूझ रहा है। शायद ही किसी ने सोचा होगा कि मानव जाति को ऐसे कठिन दौर से गुजरना होगा, ऐसी चुनौतियों के बीच। अनेक चुनौतियों के बीच राष्ट्रपति का इस दशक का प्रथम भाषण हुआ। लेकिन ये भी सही है जब पूरे विश्व पटल की तरफ देखते हैं, भारत के युवा मन को देखते हैं तो ऐसा लगता है कि आज भारत सच्चे में एक अवसरों की भूमि है। अनेक अवसर हमारा इंतजार कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि जो देश युवा हो। जो देश उत्साह से भरा हुआ हो। जो देश अनेक सपनों को लेकर संकल्प के साथ सिद्धि को प्राप्त करने के लिए प्रयासरत हो। वो देश इन अवसरों को कभी जाने नहीं दे सकता।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना के दौरान किस प्रकार की वैश्विक परिस्थितियां बनी, कोई किसी की मदद कर सके यह असंभव हो गया, एक देश दूसरे देश को मदद नहीं कर सके, एक राज्य दूसरे राज्य को मदद नहीं कर सके, परिवार का एक सदस्य दूसरे की मदद नहीं कर सके वैसा माहौल था। भारत के लिए तो दुनिया ने बहुत आशंकाएं जताई थी, विश्व चिंतित था कि अगर कोरोना की महामारी में अगर भारत ने अपने आप को नहीं संभाला तो न सिर्फ भारत बल्कि पूरी मानवजाति के लिए संकट होगा। हमारे यहां भी डराने के लिए कई बातें हुई, हर एक ने अपने अपने तरीके से आकलन किया था, लेकिन भारत ने अपने देश के नागरिकों की रक्षा के लिए एक अपरिचित शत्रू से एक नए तरीके से नई सोच के साथ हर किसी को चलना था, रास्ते खोजने थे, बनाने थे और लोगों को बचाना था।उन्होंने कहा कि उस समय जो भी बुद्धि सामर्थ्य ईश्वर ने दिया इस देश ने उसको करते हुए देश को बचाने में भरसक काम किया और आज दुनिया इसपर गर्व कर रही है कि भारत ने दुनिया की मानव जाति को बचाने के लिए बहुत बड़ी भूमिका निभाई। यह लड़ाई जीतने का यश किसी सरकार या व्यक्ति को नहीं जाता लेकिन हिंदुस्तान को तो जाता है। गर्व करने में क्या जाता है, विश्व के सामने आत्म विश्वास के साथ बोलने में क्या जाता है, इस देश ने किया है, उस समय सोशल मीडिया पर देखा होगा फुटपाथ पर छोटी झोपड़ी लगाकर बैठी मां भी घर के बाहर दिया जलाकर भारत के शुभ के लिए कामना कर रही थी और हम उसका मजाक उड़ा रहे हैं उन भावनाओं का मखौल उड़ा रहे हैं।प्रधानमंत्री ने कहा कि समय है जिसने कभी स्कूल का दरवाजा नहीं देखा था, उसके मन में भी देश के लिए दिया जलाकर देश सेवा का भाव था। लेकिन उसका भी मजाक उड़ाने में मजा आ रहा है, विरोध करने के लिए कितने मुद्दे हैं, और करना भी चाहिए, लेकिन ऐसी बातों में न उलझें जो देश के मनोबल को तोड़ते हैं।

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