देश के सभी नागरिकों के अधिकार हुए समान, स्थानीय नागरिकों को मिलेगा रोजगार: मोदी
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर से धारा 370 समाप्त होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि एक राष्ट्र के तौर पर, एक परिवार के तौर पर, आपने, हमने, पूरे देश ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। एक ऐसी व्यवस्था, जिसकी वजह से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के हमारे भाई-बहन अनेक अधिकारों से वंचित थे, जो उनके विकास में बड़ी बाधा थी, वो हम सबके प्रयासों से अब दूर हो गई है।प्रधानमंत्री ने कहा कि जो सपना सरदार पटेल का था, बाबा साहेब अंबेडकर का था, डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी का था, अटल जी और करोड़ों देशभक्तों का था, वो अब पूरा हुआ है। अब देश के सभी नागरिकों के हक और दायित्व समान हैं।
- केंद्र शासित प्रदेश बन जाने के बाद लद्दाख के लोगों का विकास भारत सरकार की जिम्मेदारी है। स्थानीय प्रतिनिधियों, लद्दाख और कारगिल की डवलपमेंट काउंसिल्स के सहयोग से केंद्र सरकार विकास की सभी योजनाओं का लाभ अब और तेजी से पहुंचाएगी।
- जम्मू-कश्मीर के केसर का रंग हो या कहवा का स्वाद, सेब का मीठापन हो या खुबानी का रसीलापन, कश्मीरी शॉल हो या फिर कलाकृतियां, लद्दाख के ऑर्गेनिक प्रॉडक्ट्स हों या हर्बल मेडिसिन, इन सबका प्रसार दुनियाभर में किए जाने की जरूरत है।
- जो तकनीक की दुनिया से जुड़े लोग हैं उनसे मेरा आग्रह है कि अपनी नीतियों में, फैसलों में इस बात को प्राथमिकता दें कि जम्मू कश्मीर में कैसे तकनीक का विस्तार किया जाए।
- वहां के युवा तेजस्वी हैं। वहां जितना तकनीक का विस्तार होगा, उतना ही राज्य के लोगों का जीवन आसान होगा।
- अब यहां के युवा, जम्मू-कश्मीर के विकास का नेतृत्व करेंगे और उसे नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। मैं नौजवानों और वहां की बहनों-बेटियों से आग्रह करूंगा कि अपने क्षेत्र के विकास की कमान खुद संभालें।
- मुझे पूरा विश्वास है कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद, जब इन पंचायत सदस्यों को नई व्यवस्था में काम करने का मौका मिलेगा तो वो कमाल कर देंगे। अब जम्मू-कश्मीर की जनता अलगाववाद को परास्त करके नई आशाओं के साथ आगे बढ़ेगी।
- मैं जम्मू कश्मीर के अपने भाई-बहनों को एक बात स्पष्ट करना चाहता हूं कि आपका जनप्रतिनिधि आपके द्वारा ही चुना जाएगा और आपके बीच से ही आएगा। जैसे पहले एमएलए होते थे वैसे ही आगे भी होंगे। जैसे पहले सीएम या कैबिनेट होती थी, वैसे ही आगे भी होंगे।
- मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि जैसे हमने पंचायत के चुनाव पारदर्शिता के साथ संपन्न कराए गए, वैसे ही विधानसभा चुनाव भी होंगे।
- जम्मू-कश्मीर में दशकों से, हजारों की संख्या में ऐसे लोग रहते हैं, जिन्हें लोकसभा के चुनाव में तो वोट डालने का अधिकार था। लेकिन वो विधानसभा और स्थानीय निकाय के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते थे। ये वो लोग हैं जो बंटवारे के बाद पाकिस्तान से भारत आए थे।
- जम्मू कश्मीर में राजस्व घाटा बहुत ज्यादा है। ये चिंता का विषय है। केंद्र सरकार ये भी सुनिश्चित करेगी की इसके प्रभाव को कम किया जाए।
- हमने जम्मू-कश्मीर के प्रशासन में एक नई कार्यसंस्कृति और पारदर्शिता लाने का प्रयास किया है। इसी का नतीजा है कि IIT हो, IIM हो, AIIMS हों, तमाम इरिगेशन प्रोजेक्ट्स हो, पावर प्रोजेक्ट्स हों या फिर एंटी करप्शन ब्यूरो, इन सबके काम में तेजी आई।
- जल्द ही जम्मू कश्मीर और लद्दाख में केंद्रीय और राज्य के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इससे स्थानीय नौजवानों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। साथ ही पब्लिक सेक्टर यूनिट्स और प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों को भी रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
- जो पहले की सरकारें कानून बनाकर वाहवाही लूटती थीं, वो भी ये दावा नहीं कर पाती थीं कि उनका कानून जम्मू कश्मीर में भी लागू होगा। उन कानूनों के लाभ से जम्मू कश्मीर के लोग वंचित रह जाते थे। शिक्षा के अधिकार के लाभ से जम्मू कश्मीर के बच्चे अब तक वंचित थे।
- देश के अन्य राज्यों में दलितों पर अत्याचार रोकने के लिए सख्त कानून लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में ऐसे कानून लागू नहीं होते थे।
- देश के अन्य राज्यों में सफाई कर्मचारियों के लिए सफाई कर्मचारी एक्ट लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर के सफाई कर्मचारी इससे वंचित थे।
- कुछ कालखंड के लिये जम्मू कश्मीर को सीधे केंद्र सरकार के शासन में रखने का फैसला काफी सोच समझकर लिया गया है।
- हमारे देश में कोई भी सरकार हो, वो संसद में कानून बनाकर देश की भलाई के लिए कार्य करती है। किसी भी दल या गठबंधन की सरकार हो, ये कार्य निरन्तर चलता रहता है।
- अनुच्छेद 370 और 35ए ने जम्मू कश्मीर को अलगाववाद, आतंकवाद, परिवारवाद और व्यवस्था में बड़े पैमाने पर फैले भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं दिया। इसके कारण तीन दशक में राज्य में 42 हजार निर्दोष लोग मारे गए।
- नई व्यवस्था में केंद्र सरकार की ये प्राथमिकता रहेगी कि राज्य के कर्मचारियों को, जम्मू-कश्मीर पुलिस को, दूसरे केंद्र शासित प्रदेश के कर्मचारियों और वहां की पुलिस के बराबर सुविधाएं मिलें।
- हमारे देश में कोई भी सरकार हो, वो संसद में कानून बनाकर, देश की भलाई के लिए काम करती है, लेकिन कोई कल्पना नहीं कर सकता कि संसद इतनी बड़ी संख्या में कानून बनाए और वो देश के एक हिस्से में लागू ही नहीं हों।
- जम्मू कश्मीर के संदर्भ में दो अनुच्छेदों का देश के खिलाफ कुछ लोगों की भावनाएं भड़काने के लिये, पाकिस्तान द्वारा एक शस्त्र की तरह इस्तेमाल किया जाता था।