धूल संकट पर केजरीवाल ने चुप्पी तोड़ी, पर्यावरण सचिव पर मीटिंग में नहीं आने का लगाया आरोप
नई दिल्ली: दिल्ली में सांस लेना मुश्किल हो रहा है. दमघोंटू हवा चल रही है, क्योंकि हवा में धूल घुल चुकी है. लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल धूल भरी आंधी में उपराज्यपाल अनिल बैजल के घर में एसी कमरे में सोफे पर जमकर धरना दे रहे हैं. हालांकि आज पांचवें दिन केजरीवाल ने वीडियो जारी कर धूल संकट पर चुप्पी तोड़ी है. केजरीवाल धूल संकट के लिए आईएएस बिरादरी को जिम्मेदार ठहराया है. केजरीवाल ने कहा है कि पर्यावरण सचिव चार महीनों से मीटिंग में ही नहीं आ रहे हैं.
पीएम मोदी ले मिलेंगे आप कार्यकर्ता
वीडियो में सीएम केजरीवाल ने यह बी बताया है कि आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने जाएंगे. केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य और अधिकारियों की हड़ताल खत्म करने को लेकर दिल्ली में 10 लाख लोगों से चिट्ठी पर दस्तखत करवाकर पीएम को भेजा जाएगा.
दिल्ली में सांस लेना मुश्किल, जहरीली हुई हवा
बता दें कि सोमवार से दिल्ली-एनसीआर समेत पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के आसमान में धूल का जो गुबार छाया है.उससे अगले 48 घंटे और राहत मिलने की उम्मीद ना के बराबर है. धूल की परत की वजह से औसत न्यूनतम तापमान में पांच डिग्री तक की बढ़ोतरी दर्ज हुई है और न्यूनतम पारा 28 डिग्री से 33 डिग्री हो चुका है. मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो आसमान से जब तक राहत की फुहार नहीं बरसती तब तक लोगों को ऐसे ही प्रदूषण से दो-चार होना पड़ेगा.
गडकरी ने सामने रखा प्रदूषण खत्म करने का खाका
दिल्ली में प्रदूषण की खतरनाक स्थिति के बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी बयान दिया है. गडकरी ने 2 साल के भीतर दिल्ली के वायु और जल प्रदूषण को खत्म करने का खाका सामने रखा है. गडकरी के मुताबिक, उनकी सरकार दिल्ली में कुल 40 हजार करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है और जल्द ही दिल्ली के सीएम, एलजी, डीडीए, NHAI के साथ इसी मुद्दे पर मीटिंग होने वाली है.
एलजी ने लगाई सभी तरह के निर्माण पर रोक
दिल्ली के उपराज्यपाल ने प्रदूषण संकट से निपटने के लिए तत्काल प्रभाव से रविवार तक सभी तरह के निर्माण पर रोक लगा दी है, लेकिन बाहरी दिल्ली के कई इलाकों में इस आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. दिल्ली के रोहिणी,अलीपुर और बुराड़ी इलाके में खुलेआम बिल्डर उपराज्यपाल के आदेश को दरकिनार करते हुए ना सिर्फ छोटे-छोटे मकान बनवा रहे हैं बल्कि कई एकड़ में खुलेआम नई कॉलोनी भी काटी जा रही हैं.