नए साल के तौर पर मनाया जाता है कृषि पर्व वैशाखी, दान-पुण्य का खास महत्व
कोटा/जयपुर। वैशाख मास, सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करने के दिन को वैशाखी पर्व के रूप में मनाया जाता है। इसे वैशाख संक्रांति भी कहते हैं। शनिवार सवेरे 8 बजकर 10 मिनट पर सूर्य ने मेष राशि में प्रवेश किया। (देश-क्षेत्र केहिसाब से समय भिन्न हो सकता है।) इस पर्व को फसल काटने के बाद नए साल की शुरुआत के तौर पर मनाया जाता है। नया साल इसलिए क्योंकि 12 राशियों में से पहली राशि मेष है।