नवजोत सिंह सिद्धू को हिरासत में लिया गया, राज्यपाल आवास पर दे रहे थे धरना
चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू को चंडीगढ़ पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की गिरफ्तारी के विरोध में नवजोत सिंह कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ राज्यपाल आवास के बाहर धरना दे रहे थे। लखीमपुर में हुई घटना के बाद प्रियंका गांधी लखीमपुर के लिए रवाना हुईं थी और उत्तर प्रदेश प्रशासन ने उन्हें लखीमपुर पहुंचने से पहले ही हिरासत में ले लिया था, प्रियंका की हिरासत को लेकर ही नवजोत सिंह सिद्धू सहित अन्य कांग्रेस कार्यकर्ता चंडीगढ़ में राज्यपाल आवास के बाहर धरना दे रहे थे।
चंडीगढ़ में राज्यपाल आवास के बाहर धरने के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू ने कृषि कानूनों के विरोध में नारे लगाए और कहा कि वे पंजाब में कृषि कानूनों को लागू नहीं होने देंगे। सिद्धू ने लखीमपुर खीरी के मामले का जिक्र करते हुए कहा कि पहले केंद्र सरकार शांतीपुर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे किसानों पर लाठियां चला रही थी और अब किसानों का कत्ल कर दिया। सिद्धू ने धरने के दौरान किसान मजदूर एकता जिंदाबाद के नारे भी लगाए।
हिरासत में लिए जाने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा, “क्या इस आधार पर हमें गिरफ्तार किया है, कि जिन्होंने बेरहमी से किसान भाइयों का कल्त किया, उनकी गिरफ्तारी की मांग की, इसलिए हमको गिरफ्तार किया। यह मेरा मौलिक अधिकार है कि मैं किसान भाइयों के हक की आवाज बुलंद करूं। क्या इसलिए अरेस्ट किया है कि खट्टर साहब की अहंकार की बू वाली स्टेटमेंट के खिलाफ आवाज उठाई है, क्या वे देशद्रोही नहीं है कि 60 प्रतिशत किसानों पर वे अपनी अहंकारी सोच दिखा रहे हैं? क्या ये अहंकार नहीं है कि आप हमारी महासचिव प्रियंका जी के साथ बदसलूकी करें, क्या इस चीज का विरोध करना कानून के खिलाफ है?”
अनशन पर प्रियंका
लखीमपुर खीरी के तिकोनिया क्षेत्र में हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत के मामले में सोमवार तड़के मौके पर जाते वक्त सीतापुर में हिरासत में ली गईं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने इसके विरोध में अनशन शुरू कर दिया। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने बताया कि प्रियंका तथा कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा समेत कुछ वरिष्ठ नेता लखीमपुर खीरी जा रहे थे। तभी तड़के करीब पांच बजे रास्ते में सीतापुर में उन्हें हिरासत में ले लिया गया और पीएसी के परिसर में भेज दिया गया।
उन्होंने पुलिसकर्मियों पर प्रियंका से धक्का-मुक्की का भी आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस महासचिव किसानों का दर्द बांटने जा रही थीं और उन्हें इस तरह से रोका जाना अलोकतांत्रिक है। इस बीच, कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने बताया कि प्रियंका ने खुद को रोके जाने के विरोध में पीएसी कैंप कार्यालय कक्ष में अनशन शुरू कर दिया। उनका कहना है कि जब तक नहीं लखीमपुर खीरी नहीं जाने दिया जाएगा तब तक उनका अनशन जारी रहेगा। प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने प्रियंका को बहुत गंदे कमरे में रखा। कांग्रेस महासचिव ने खुद झाड़ू से कमरे को साफ किया।