नहीं पता कि महाराष्ट्र का असली मुख्यमंत्री कौन है: आदित्य ठाकरे
मुंबई. शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस सरकार पर सोमवार को निशाना साधते हुए कहा कि यह समझना मुश्किल हो गया है कि राज्य का असली मुख्यमंत्री कौन है. ठाकरे ने कहा, ‘‘एक सवाल पूछा जाता है कि राज्य में निर्वाचित सरकार है या नहीं. लेकिन दो लोगों की जंबो कैबिनेट में यह नहीं समझा जा सकता कि असली मुख्यमंत्री कौन है.’’ अपने निजी आवास ‘मातोश्री’ में पार्टी कार्यकर्ताओं से आदित्य ने कहा कि उच्चतम न्यायालय में बागी विधायकों के खिलाफ शिवसेना की लड़ाई के मामले में आने वाले फैसले का असर न केवल पार्टी, बल्कि पूरे देश पर पड़ेगा. शिंदे और फडणवीस के 30 जून को क्रमश: मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के एक महीने बाद महाराष्ट्र कैबिनेट का विस्तार मंगलवार को होने वाला है.
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी सरकार 29 जून को शिंदे और शिवसेना के 39 विधायकों की बगावत के बाद गिर गई थी. शिंदे के एक करीबी सहयोगी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि राजभवन में दोपहर 12 बजे निर्धारित समारोह में एक दर्जन मंत्री शपथ लेंगे. उन्होंने कहा कि अगले दौर का विस्तार बाद में होगा. मुख्यमंत्री के सहयोगी ने कहा, “राज्य विधानमंडल का मानसून सत्र जल्द होना है, इसलिए हमने मंत्रिमंडल विस्तार में 12 विधायकों को शामिल करने का फैसला किया। मंगलवार को शपथ लेने वालों में कुछ विधान परिषद सदस्य भी होंगे.” सूत्रों ने कहा कि शिवसेना में बगावती तेवर अपनाकर अधिकांश विधायकों को अपने खेमे में लाने वाले शिंदे के लिये मंत्रिमंडल में अपने खेमे के अधिकतर विधायकों को शामिल करना मुश्किल काम होगा. पिछले एक महीने में शिंदे सात बार दिल्ली का दौरा कर चुके हैं और हर बार दौरे के बाद मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें लगाई जातीं.महाराष्ट्र विधानसभा में नेता विपक्ष अजित पवार ने कहा कि शिंदे ने अपने साथ आने वाले हर विधायक से मंत्री पद का वादा किया था. पवार ने कहा, “अब शिंदे अपना वादा पूरा करने में सक्षम नहीं हैं, इसलिए मंत्रिमंडल विस्तार में देरी हो रही है. मुख्यमंत्री को यह भी बताना चाहिए कि देरी किस वजह से हुई.” पवार ने यह भी कहा कि अब तक उनके पास मंगलवार को होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार के लिये कोई निमंत्रण नहीं आया है. उन्होंने कहा कि यह साफ है कि शिंदे समूह में गए शिवसेना के सभी 40 बागी विधायकों को मंत्री पद नहीं मिलेगा. एक राजनीतिक पर्यवेक्षक ने कहा, “महाराष्ट्र में तेलंगाना की तुलना में कम देरी हुई है, जहां 2019 में मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने पूर्ण मंत्रिपरिषद का गठन करने के लिये दो महीने से अधिक समय तक इंतजार किया था.”