नासा ने खींची ब्रह्मांड की अब तक की सबसे अनोखी तस्वीर, शुरुआती अंतरिक्ष की दिखी झलक
वॉशिंगटनः ब्रह्मांड अनगिनत अजूबों से भरा हुआ है. इसके रहस्यों को जानने के लिए इंसान लंबे अरसे से उत्सुक रहा है. नित नई तकनीक और उन्नत तकनीक के दम पर नासा के वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में कुछ ऐसा देखा है, जो पहले कभी नहीं देखा गया था. उन्होंने ब्रह्मांड की अनोखी तस्वीर खींची है. नासा के नए स्पेस टेलिस्कोप जेम्स वेब की बदौलत शुरुआती यूनिवर्स की सबसे गहरी, स्पष्ट और रंगीन इन्फ्रारेड फोटो ली गई है, जो संभवतः 13 अरब साल पहले तक के ब्रह्मांड का नजारा दिखाती है.
वाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा जारी इस तस्वीर में अनगिनत सितारे और हजारों आकाशगंगाएं दिख रही हैं. बहुत दूर की धुंधली गैलेक्सी के झलकी भी इसमें दिख रही है. इस तस्वीर में हमारे सौरमंडल के बाहर एक विशाल गैसीय ग्रह और निहारिका (नेबुला) की दो तस्वीरें भी हैं. नेबुला वो जगह होती है, जहां सितारे पैदा होते हैं और नष्ट हो जाते हैं. इसके अलावा इसमें 5 घनी आकाशगंगाएं भी एकदूसरे के आसपास नजर आ रही हैं.
ये ऐसी पहली तस्वीर है, जिसमें इंसान ने इतनी दूरी तक और इतने समय पीछे तक का नजारा देखने में कामयाबी हासिल की है. माना जा रहा है कि टेलीस्कोप ने 13.8 अरब साल पहले हुए बिगबैंग के बाद निकली रोशनी के कुछ हिस्सों को तस्वीर में कैद किया है. 10 अरब डॉलर के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप से खींची गई इस तस्वीर को “डीप फील्ड” नाम दिया गया है. टेलीस्कोप को ये तस्वीर लेने में 12.5 घंटे का समय लगा. इससे ब्रह्मांड के ओर-छोर की जानकारी हासिल करने में जुटे इंसान को नया नजरिया मिला है.
नासा के जेम्स वेब टेलीस्कोप दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे शक्तिशाली अंतरिक्ष दूरबीन है. इसे पिछले साल अमेरिका के फ्रेंच गुयाना से लॉन्च किया गया था. जनवरी में यह पृथ्वी से 16 लाख किलोमीटर दूर पहुंच गया था. वहां जाकर इसके उपकरणों को शुरू किया गया. इसमें 21 फुट का सोने से मढ़ा फूल की तरह दिखने वाला मिरर लगा है, जो अब तक अंतरिक्ष में भेजा गया सबसे बड़ा और सबसे संवेदनशील दर्पण है. इसके 18 सेग्मेंट हैं.जेम्स वेब के उप परियोजना वैज्ञानिक जोनाथन गार्डनर ने बताया कि इस टेलीस्कोप के जरिए हमें समय के अरबों साल पीछे देखने में कामयाबी मिली है. ऐसा इसलिए संभव हुआ कि उन आकाशगंगाओं से निकले प्रकाश को हमारी दूरबीन तक पहुंचने में अरबों साल लगे. अब आगे खगोलविद यह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि ये आकाशगंगाएं कितनी पुरानी हैं. ब्रह्मांड की अनोखी चीजों के राज खोलने की कोशिश होगी. हमारे अपने सोलर सिस्टम के बारे में भी नई जानकारियां हासिल की जाएंगी.