नीति आयोग के ‘न्यू इंडिया 2022’ को मंत्रालयों ने किया खारिज
नीति आयोग द्वारा तैयार किए गए ‘न्यू इंडिया 2022’ में रुकावट आती दिख रही है. कई केंद्रीय मंत्रालयों ने इसे लेकर अपनी असहमति ज़ाहिर की है और इसमें कई बदलाव की करने के लिए कहा है. जून में होने वाली गवर्निंग काउंसिल मीट में इसे पेश किए जाने की संभावना है. इसकी तैयारी पहले से ही एक महीने देर से चल रही है. नीति आयोग ने कहा कि सभी राज्यों से विचार-विमर्श करके विकास के एजेंडे को करीब एक महीने में अंतिम स्वरूप दे दिया जाएगा.
नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि अंतिम दस्तावेज तैयार करने के पहले सभी मंत्रालयों और राज्यों से बातचीत की जाएगी. मंत्रालयों ने नीति आयोग द्वारा भेजे गए दस्तावेजों को वापस भेज दिया है. मंत्रालयों का कहना है कि इसमें बड़े बदलाव करने की ज़रूरत है.नीति आयोग ने इससे पहले तीन तरह के दस्तावेज बनाए थे जिसमें तीन साल का एक्शन एजेंडा, सात साल का मीडियम टर्म रणनीति पेपर और 15 साल का विज़न डाक्युमेंट शामिल था.पिछले प्रेजे़ंटेशन में बताया गया था कि यह गरीबी, गंदगी, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, जातिवाद और सांप्रदायिकता जैसी 6 समस्याओं को खत्म करने का आधार बनेगा. 2022 में भारत अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा होगा.
मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि, ‘दस्तावेज में बताए गए लक्ष्य ज़्यादा व्यावहारिक होने चाहिए. हमने डाक्युमेंट को रिजेक्ट नहीं किया है बल्कि इसमें परिवर्तन करना चाहते हैं.’डाक्युमेंट में ये भी बताया गया है कि राज्यों को केंद्र सरकार के उन मुख्य फ्लैगशिप प्रोग्राम से अवगत कराया जाएगा जो कि देश के विकास में फायदेमंद साबित होंगे. वर्ल्ड बैंक ने अपनी एक हालिया रिपोर्ट में बताया था कि भारत को जीडीपी विकास दर को 8 फीसदी बनाए रखने के लिए निवेश और निर्यात को बढ़ाना होगा.
2022 के विज़न डाक्युमेंट में भारत को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए नोटबंदी और ‘गुड्स और सर्विसेज़ टैक्स’ (जीएसटी) को लागू करना काफी क्रांतिकारी कदम बताया है. विज़न डाक्युमेंट में आधार बायोमेट्रिक पर आधारित ई-गवर्नेंस का भी ज़िक्र किया गया है. इसमें कहा गया है कि आधार बॉयोमेंट्रिक से बेनामी संपत्ति पर लगाम लगाया जा सकेगा जिससे समाज में भ्रष्टाचार को खत्म करने में मदद मिलेगी.