नीरज चोपड़ा ने रचा इतिहास, लुसाने डायमंड लीग का खिताब जीता
नई दिल्ली: भारत के स्टार खिलाड़ी और जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने एक और खिताब अपने नाम कर लिया. चोट से उबरने के बाद उन्होंने धमाकेदार वापसी की है. नीरज चोपड़ा ने शुक्रवार को 89.08 मीटर का बेस्ट थ्रो करके लुसाने डायमंड लीग का खिताब जीत लिया है. नीरज यह खिताब जीतने वाले पहले भारतीय हैं. इस खिताबी जीत के साथ ही नीरज ने सात एवं आठ सितंबर को ज्यूरिख में होने वाले डायमंड लीग के फाइनल्स में अपनी जगह बना ली है. इसके साथ ही उन्होंने हंगरी के बुडापेस्ट में होने वाले विश्व चैम्पियनशिप 2023 को भी क्वालिफाई कर लिया है. नीरज चोपड़ा ने अपने पहले ही प्रयास में 89.08 मीटर दूर जैवलिन फेंक कर इतिहास रच दिया. इस दूरी को दूसरे खिलाड़ियों के लिए छू पाना मुश्किल था. इसके बाद नीरज चोपड़ा ने अपने दूसरे प्रयास में 89.18 मीटर थ्रो किया. वहीं तीसरी बार उन्होंने स्किप किया. इसके बाद के यानि 4 प्रयास में उन्होंने फाउल कर दिया. पांचवें प्रयास से उन्होंने दूर रहने का निर्णय लिया.
अपने आखिरी थ्रो में नीरज चोपड़ा ने 80.04 मीटर की दूरी तय की है. लुसाने डायमंड लीग में टोक्यो ओलंपिक के रजत पदक विजेता जैकब वाडलेज्च ने 85.88 मीटर का थ्रो दिया. वहीं अमेरिका के कर्टिस थॉम्पसन 83.72 मीटर का बेहतरीन थ्रो देकर तीसरे स्थान पर रहे.
नीरज चोपड़ा के लिए 89.08 मीटर का थ्रो तीसरा सर्वश्रेष्ठ प्रयास माना गया है. उनके सबसे अच्छे थ्रो की बात करें तो वह 89.94 मीटर है जो उन्होने स्टॉकहोम डायमंड लीग में बनाया था. वह इस खिताब को जीतने वाले पहले भारतीय बन गए हैं. इसके साथ ही वह डायमंड लीग के फाइनल में अपनी जगह बनाने वाले पहले भारतीय हैं. चोपड़ा से पहले चक्का फेंक खिलाड़ी विकास गौड़ा डायमंड लीग के शीर्ष तीन में जगह बनाने वाले एकमात्र भारतीय थे. चोट के कारण वे इसमें भाग नहीं ले पाए थे. नीरज चोपड़ा ने बीते माह विश्व चैम्पियनशिप में 88.13 मीटर थ्रो किया था. उन्होंने रजत पदक जीतकर इतिहास रच दिया था. इस मुकाबले में नीरज चोटिल हो गए थे. मेडिकल टीम ने उन्हें चार पांच हफ्ते आराम करने की सलाह दी थी. इसके बाद उन्होंने बर्मिंघम में कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भाग न लेने का निर्णय लिया था. नीरज चोट से उबरने के लिए जर्मनी में रिहैबिलिटेशन कैंप में रहे. इसके बाद उन्होंने बेहतरीन वापसी की है.