नुस्ली वाडिया ने वापस लिया रतन टाटा के खिलाफ मानहानि का मुकदमा
नई दिल्ली: उद्योगपति नुस्ली वाडिया (Nusli Wadia) ने रतन टाटा (Ratan Tata) और टाटा समूह (Tata Group) के खिलाफ दर्ज मानहानि का मुकदमा वापस ले लिया है. आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में टाटा समूह की तरफ से कहा गया कि 2016 में वाडिया को कुछ कंपनियों के बोर्ड से हटाने के पीछे मंशा उनकी मानहानि की नहीं थी. इसके बाद वाडिया के वकील ने मुकदमा वापस लेने की बात कही.
रतन टाटा के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में बयान दिया कि उनकी मंशा वाडिया की मानहानि करने की नहीं थी. इसी आधार पर CJI का सुझाव मानते हुए वाडिया ने सारे केस वापस ले लिए. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दोनों उद्योगपतियों को नसीहत दी थी कि आपस में बैठ कर विवाद सुलझाएं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप दोनों उद्योग जगत के लीडर हैं तो आप खुद क्यों नहीं बैठ कर इस विवाद को सुलझा लेते हैं. क्यों मुकदमेबाजी में पड़ रहे हैं. नुस्ली वाडिया ने रतन टाटा, टाटा सन्स एवं उसके निदेशकों के खिलाफ 3000 करोड़ रुपए की मानहानि का मामला दर्ज कराया था. आपको बता दें कि वाडिया ने रतन टाटा, टाटा सन्स के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन और 8 निदेशकों के खिलाफ सबसे पहले मुंबई की मजिस्ट्रेट कोर्ट में मामला दर्ज कराया था. दिसंबर 2018 में मजिस्ट्रेट कोर्ट ने रतन टाटा और अन्य लोगों को नोटिस जारी किए थे. इसके बाद रतन टाटा पक्ष ने मामले को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने वाडिया का केस रद्द कर दिया था. जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. साल 2016 में टाटा ग्रुप की इंडियन होटल्स, टीसीएस, टाटा मोटर्स और टाटा स्टील समेत अन्य कंपनियों के बोर्ड में स्वतंत्र निदेशक के तौर पर शामिल थे. टाटा सन्स ने टाटा मोर्ट्स, टाटा स्टील एवं टाटा केमिकल्स समेत टाटा समूह की फर्मों में स्वतंत्र निदेशक वाडिया पर अपने हित साधने का आरोप लगाते हुए उन्हें निदेशक मंडल से हटाने के लिए प्रस्ताव पेश किया था.