पंजाब ने राज्य में प्रवेश के लिए टीकाकरण या निगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्य
चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने राज्य में सोमवार से प्रवेश करने वाले सभी लोगों के लिए अनिवार्य पूर्ण कोविड-19 टीकाकरण या निगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट अनिवार्य करने का आदेश दिया है।
सिंह ने इस संबंध में शनिवार को आदेश जारी किया और सोमवार से राज्य में प्रवेश करने वाले सभी लोगों, विशेष रूप से पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से आने वालों की कड़ी निगरानी करने को कहा है, जहां हाल के दिनों में कोविड मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है।
स्कूलों में कोविड के मामलों की खबरों के बीच मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया है कि केवल पूरी तरह से टीके लगे टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ या जो हाल ही में कोविड से ठीक हुए हैं, उन्हें ही स्कूलों और कॉलेजों में शारीरिक रूप (फिजिकल तौर पर स्कूल जाकर) से पढ़ाना चाहिए। इसके साथ ही सभी बच्चों के लिए ऑनलाइन पढ़ाई का विकल्प उपलब्ध है।
उन्होंने आगे टीकाकरण के लिए शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को प्राथमिकता देने का आदेश दिया। मुख्यमंत्री ने विशेष शिविरों के साथ यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि इस महीने के भीतर सभी को पहली खुराक के साथ कवर किया जाए और जिन्हें पहली खुराक दी जा चुकी है, उन्हें दूसरी खुराक के लिए भी प्राथमिकता दी जाए।
स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने शिक्षकों और अन्य स्कूल स्टाफ के लिए दूसरी खुराक को प्राथमिकता देने के लिए दो खुराक के बीच के अंतर को कम करने का सुझाव दिया।
निर्देश अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में एक कोविड समीक्षा बैठक के बाद दिए गए हैं, जन्होंने हिमाचल प्रदेश और देश के अन्य हिस्सों में बढ़ रहे पॉजिटिव मामलों के बारे में चिंता व्यक्त की, जिसके कारण पंजाब में पॉजिटिविटी पिछले सप्ताह में मामूली रूप से 0.2 प्रतिशत तक बढ़ गई है और आरओ 1.05 प्रतिशत तक दर्ज किया गया है।
कैम्ब्रिज के अध्ययन में यह भविष्यवाणी भी की गई है कि अगले 64 दिनों में मामले दोगुने होने की संभावना है। इसने पहले से लागू प्रतिबंधों के अलावा नए प्रतिबंधों की घोषणा पर जोर देते हुए चेताया है।
मुख्यमंत्री ने हर दिन स्कूलों के छात्रों और कर्मचारियों के कम से कम 10,000 परीक्षण नमूने लेने के आदेश दिए हैं। जिन जिलों और शहरों में पॉजिटिविटी रेट 0.2 प्रतिशत से ऊपर है, उन्हें स्थिति में सुधार होने तक कक्षा 4 और उससे नीचे के लिए शारीरिक शिक्षा बंद करने के लिए कहा गया है।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि पूर्ण टीकाकरण या निगेटिव आरटीपीसीआर रिपोर्ट का नियम पंजाब में सड़क, रेल या हवाई मार्ग से प्रवेश करने वाले सभी लोगों पर लागू होगा। यह नियम उन लोगों पर भी लागू होगा, जो हाल ही में कोविड से उबरे हैं।
राज्य में कुछ कक्षाओं के लिए हाल ही में फिर से खोले गए स्कूलों के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों में हाई पॉजिटिविटी की कुछ रिपोर्टें थीं, मगर तथ्य यह है कि गहन परीक्षण से पता चला है कि पिछले एक सप्ताह में स्कूली छात्रों के बीच पॉजिटिविटी समग्र पॉजिटिविटी के मुकाबले कम देखने को मिली है है। पिछले एक सप्ताह में जहां समग्र पॉजिटिविटी रेट 0.2 प्रतिशत दर्ज की गई है, वहीं स्कूली छात्रों के बीच पॉजिटिविटी रेट 0.1 प्रतिशत दर्ज की गई है।
9 अगस्त से, सरकारी स्कूलों में कम से कम 41 छात्रों और एक स्टाफ सदस्य कोविड पॉजिटिव पाए जा चुके हैं।
कड़ी निगरानी का आह्वान करते हुए उन्होंने संबंधित विभागों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि स्कूलों और कॉलेजों में केवल पूरी तरह से टीकाकरण के साथ-साथ गैर-शिक्षण कर्मचारी ही शारीरिक रूप से पढ़ाएं।
यदि पूरे टीचिंग स्टाफ को पूरी तरह से टीका नहीं लगाया गया है, तो जो पूरी तरह से टीकाकरण करा चुके हैं, वे स्कूल में छात्रों के लिए उपस्थित हो सकते हैं और जिन्हें पूरी तरह से टीकाकरण नहीं कराया है, वे शिक्षक वर्चुअल कक्षाएं ले सकते हैं।
यह भी कहा गया है कि पर्याप्त पूर्ण टीकाकरण शिक्षक उपलब्ध नहीं होने पर छात्रों की संख्या में उपयुक्त कमी की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने स्कूलों को प्रति बेंच केवल एक बच्चे को बैठने की अनुमति देने का निर्देश दिया है।