पप्पू यादव ने तेजस्वी को बताया अपरिपक्व, महागठबंधन को कमजोर करने का लगाया आरोप
सहरसा : राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) में तेजप्रताप यादव की बगावत पर जन अधिकार पार्टी (जाप) के संरक्षक और मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार पप्पू यादव ने इशारों ही इशारों में तेजस्वी यादव पर निशाना साधा है. उन्होंने आरजेडी नेता को अपरिपक्व करार दिया. जाप अध्यक्ष ने कहा कि एक तो एक घटक दल के नेताओं ने लगातार जिस तरीके से गठबंधन धर्म को कमजोर किया है, मुझे लगता है कहीं न कहीं अंदर ही अंदर एक बड़ी साजिश रची जा रही है. उन्होंने निजी लाभ के लिए बीजेपी से सांठगांठ का आरोप भी लगाया है.
पप्पू यादव ने कहा कि कभी कांग्रेस को 12 सीटें मिलने की खबर आई, लेकिन अंत नौ पर हुआ. इसके बाद भी कांग्रेस की परंपरागत सीट को चुनौती देना. यह गठबंधन को परेशान करने जैसा है. आज तक कई जगहों पर स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है. उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं कि लालू यादव के नहीं रहने के कारण ये सभी बातें हो रही हैं.
उन्होंने कहा कि सबसे पहले लालू यादव को अपने परिवार को एक रखना चाहिए. आज स्थिति ऐसी है कि मानवता, देश, संस्कृति और सामाजिक संरचना वीरोधी ताकत को बल मिल रहा है. ऐसी ताकतें रोज मजबूत होती जा रही हैं.
इस दौरान पप्पू यादव ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि महागठबंधन धर्म का जो कंडीडेट है उसके खिलाफ कई जगहों पर आरजेडी के लोगों के द्वारा नकारात्मक माहौल बनाया जा रहा है. समझ नहीं आ रहा है कि आखिर ये चाहते क्या हैं. पप्पू यादव ने आरजेडी और कांग्रेस के हर बागी नेताओं की वकालत की. उन्होंने कहा कि अली अशरफ फातमी, शकील अहमद, देवेंद्र यादव, अरुण कुमार और लवली आनंद जैसे लोगों को सम्मान नहीं पा रही है पार्टी.
मधेपुरा सांसन ने कहा कि आखिर क्या कारण है कि फातमी आज विद्रोह के तेवर अपनाए हुए हैं. शकील अहमद को कहीं एडजस्ट करना चाहिए था. कन्हैया कुमार का विरोध किया गया और सीपीआई को एक सीट नहीं दी गई. हीना के खिलाफ माले को कैंडिडेट खड़ा करना पड़ा. माले को एक सीट देकर पाटलिपुत्रा लोकसभा क्षेत्र में लगभग 70 से 80 हजार वोट है माले का वो लेना चाहिए था.उन्होंने कहा कि आज पूरा देश एनडीए को चुनौती दे रहा है. छोटी पार्टी से लेकर कांग्रेस तक. आखिर क्या कारण है कि बिहार में एनडीए मजबूती की ओर जा रही है. इसके पीछे उन्होंने तेजस्वी यादव के अपरिपक्व नेतृत्व और अहंकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि लालू यादव के बाहर नहीं होने के कारण आज महागठबंधन संकट में है. सिर्फ अपने कुनबे को बचाने के लिए सभी को धकेल दिया.