परियोजनाओं में हो रही देरी पर PM मोदी ने जताई नाराजगी, बाबुओं और एजेंसियों की पहचान करने का दिया निर्देश

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को 37वीं प्रगति बैठक की अध्यक्षता की और 14 राज्यों में 1.26 लाख करोड़ रुपए की विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा की। इस दौरान पीएम मोदी ने आदेश दिया कि उन बाबुओं और एजेंसियों की पहचान की जाए, जिनकी वजह से परियोजनाओं में देरी हो रही है। समीक्षा बैठक में पीएम मोदी ने कैबिनेट सचिव को आदेश दिया कि एक डोजियर तैयार करें, जिसमें जानकारी होनी चाहिए कि कौन-कौन सी परियोजनाएं अटकी हुई हैं और उसकी वजह क्या है।

वहीं पीएम मोदी ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को दिल्ली में अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 को 15 अगस्त, 2023 तक पूरा करने को कहा है। जिसे दिल्ली का तीसरा रिंग रोड कहा जा रहा है।

पीएम मोदी 37वीं प्रगति बैठक की अध्यक्षता की, जो केंद्र सरकार और राज्य के मुख्य सचिवों के साथ परियोजनाओं पर आधारित थी। एनएचएआई के मुताबिक, 75.71 किमी के इस परियोजना से राजधानी दिल्ली के द्वारका से दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे के बीच यात्रा आसान हो जाएगी। पिछले हफ्ते ही दिल्ली सरकार ने इस परियोजना के लिए पेड़ों के ट्रांसप्लांटेशन और कटाई को मंजूरी दी है। बताया जा रहा है कि एनएचएआई सितंबर के अंत तक इस परियोजना को लेकर टेंडर जारी कर सकता है।

ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने पर दिया जोर

पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि 37वीं प्रगति बैठक की अध्यक्षता की और इस दौरान 14 राज्यों में 1,26,000 करोड़ रुपये से अधिक परियोजनाओं की समीक्षा की गई। हमने वन नेशन-वन राशन कार्ड कार्यक्रम और देशभर में ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने की भी समीक्षा की।

अंग्रेजी समाचार पत्र ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ के मुताबिक पीएम मोदी ने छत्तीसगढ़ के भानुपुली, बिलासपुर और बारी को जोड़ने वाली रेलवे परियोजना में देरी को लेकर यह नाराजगी जतायी। साल 2008 में यह परियोजना शुरू हुई थी और इसमें 2,000 करोड़ रुपए की लागत का अनुमान था लेकिन यह बढ़कर 6,000 करोड़ रुपए पहुंच गई।

आठ परियोजनाओं की हुई समीक्षा

पीएमओ ने एक बयान के जरिए जानकारी दी कि पीएम मोदी ने इस बैठक में आठ परियोजनाओं और एक कार्यक्रम की समीक्षा की। इनमें से रेलवे और सड़क परिवहन मंत्रालयों की तीन-तीन परियोजनाएं, जबकि ऊर्जा मंत्रालय से संबंधित दो परियोजनाएं थीं। पीएमओ ने बताया कि14 राज्यों की इन आठ परियोजनाओं की कुल संचयी लागत 1,26,000 करोड़ रुपए हैं। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, हरियाणा, छत्तीसगढ़, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड, मणिपुर और दिल्ली शामिल हैं।

Related Articles

Back to top button

Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (1) in /home/tarunrat/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427

Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (1) in /home/tarunrat/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427