पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा, कश्मीर समेत सभी मुद्दों का बातचीत जरिए हो समाधान
इस्लामाबादः पाकिस्तान भारत के साथ संबंधों में सुधार चाहता है और कश्मीर सहित सभी लंबित मुद्दों का समाधान वार्ता के माध्यम से करना चाहता है. यह बात शुक्रवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कही. उन्होंने कहा कि मौजूदा गतिरोध के बावजूद पाकिस्तान भारत के साथ संवाद कायम करने में नहीं झिझकेगा. कुरैशी ने कहा, ‘‘लेकिन इसमें दोनों की भागीदारी जरूरी है. आप केवल एक हाथ से ताली नहीं बजा सकते. हमारा सकारात्मक रूख है और हम उम्मीद बनाए हुए हैं.’’ उन्हें सोमवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी.
उन्होंने कहा, ‘‘भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों की वर्तमान स्थिति किसी से छिपी नहीं है क्योंकि शांति वार्ता स्थगित है लेकिन हमें देखना है कि हम कैसे आगे बढ़ सकते हैं.’’ जनवरी 2016 के बाद से पाकिस्तान के आतंकवादी समूहों द्वारा भारतीय सेना के प्रतिष्ठानों पर हुए कई हमले के बाद हाल के वर्षों में भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में काफी गिरावट आई है. भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस्लामाबाद के साथ वार्ता नहीं करेगा क्योंकि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते.
कुरैशी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पाकिस्तान भारत के साथ संबंधों में सुधार चाहता है और कश्मीर सहित सभी लम्बित मुद्दों को वार्ता के माध्यम से सुलझाना चाहता है. वार्ता में वर्तमान गतिरोध के बावजूद सरकार भारत के साथ वार्ता से नहीं हिचकेगी.’’ पाकिस्तान के नये प्रधानमंत्री इमरान खान ने विदेश मंत्रालय का दौरा किया और उन्हें देश की विदेश नीति से अवगत कराया गया.
कुरैशी ने इस बात से भी इंकार किया कि उन्होंने यह कथा था कि पाकिस्तान कुलभूषण जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में जीतेगा. भारत और पाकिस्तान पहले ही इस मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में विस्तृत पक्ष और जवाब दाखिल कर चुके हैं.
जाधव, 47 को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जासूसी के आरोप में अप्रैल 2017 में मृत्युदंड सुनाया था. भारत ने उसी साल मई में इस फैसले के विरूद्ध अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का रूख किया था. अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने भारत की अपील पर जाधव के मृत्युदंड पर रोक लगा दी थी. इस मामले में अभी अंतिम निर्णय नहीं आया है.