पाकिस्तान में महाराजा रंजीत सिंह की प्रतिमा को चरमपंथियों ने तोड़ा, तीसरी बार हुआ हमला
लाहौर. पाकिस्तान (Pakistan) के लाहौर (Lahore) में मंगलवार को चरमपंथी समूह तहरीक ए लबैक पाकिस्तान ने महाराजा रंजीत सिंह (Maharaja Ranjit Singh) की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया. हालांकि पाकिस्तान पुलिस ने ऐसा करने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है. ये तीसरी बार है, जब भारी सुरक्षा व्यवस्था वाले लाहौर फोर्ट कॉम्प्लेक्स (Lahore Fort Complex) इलाके में महाराजा रंजीत सिंह की प्रतिमा को तोड़ा गया हो.
बता दें कि महाराजा की 180वीं पुण्यतिथि के मौके पर जून 2019 में लाहौर फोर्ट में 9 फीट ऊंची कांसे की प्रतिमा लगाई गई थी. रंजीत सिंह सिख साम्राज्य के पहले महाराजा थे, जिन्होंने लगभग 40 वर्षों तक पंजाब पर शासन किया. 1839 में उनकी मृत्यु हो गई. प्रतिमा ऐसी है कि महाराजा रंजीत सिंह घोड़े पर बैठे और हाथों में तलवार लिए हैं, और पूरी तरह सिख वेशभूषा में हैं.
प्रतिमा स्थापना के दो महीने बाद पहला हमला
बता दें कि प्रतिमा स्थापना के दो महीने बाद ही तहरीक ए लबैक के दो सदस्यों ने उसे क्षतिग्रस्त कर दिया था. बाद में इन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था. प्रतिमा पर हमला करने वाला विकलांग बनकर किले में दाखिल हुआ था, जबकि उसके साथ एक व्यक्ति सहायक के तौर पर था.
खुद को विकलांग बताने वाले व्यक्ति ने हाथ में मौजूद रॉड से प्रतिमा पर प्रहार किया था. इस काम में उसे सहायक से भी मदद मिली थी. हमले में प्रतिमा की एक बांह टूट गई थी और कई जगह से क्षतिग्रस्त भी हो गई थी. पुलिस के मुताबिक हमलावरों का कहना था कि मुस्लिम देश में सिख शासक की प्रतिमा लगाना उनके धर्म के खिलाफ है.घोड़े पर बैठे महाराजा रंजीत सिंह की प्रतिमा को बनाने में 8 महीने का वक्त लगा था. बता दें कि महाराजा रंजीत सिंह को घोड़े बहुत पसंद थे, और उनके पसंदीदा घोड़े का नाम कहार बहार (Kahar Bahar) था. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक इस घोड़े को बरजकई वंश के संस्थापक और महाराजा के दोस्त ने उन्हें गिफ्ट के तौर पर दिया था.लाहौर किले में महाराजा की प्रतिमा वॉल्ड सिटी ऑफ लाहौर अथॉरिटी (WCLA) ने ब्रिटेन स्थित सिख हेरिटेज फाउंडेशन के साथ मिलकर लगवाई थी. फाउंडेशन ने ही इसे फंड किया था.