पार्टी का कोई अध्यक्ष नहीं, पता नहीं कौन ले रहा फैसले-कपिल सिब्बल
नई दिल्ली. कांग्रेस में आंतरिक घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. बुधवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल (Congress leader Kapil sibal) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. अपनी नाराजगी को जाहिर करते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि दुर्भाग्य से कांग्रेस के पास कोई अध्यक्ष नहीं है, पता नहीं कांग्रेस में कौन फैसले ले रहा है. लोग पार्टी छोड़कर जा रहे हैं इस पर सोचने की जरूरत है. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाने की मांग की है. कपिल सिब्बल ने कहा, ‘मैं आपसे (मीडिया) उन कांग्रेसियों की ओर से बोल रहा हूं जिन्होंने पिछले साल अगस्त में पत्र लिखा था. पत्र लिखे जाने के बाद भी हम सीडब्ल्यूसी और केंद्रीय अध्यक्ष के पद के चुनाव के संबंध में की जाने वाली कार्रवाई का इंतजार कर रहे हैं.’
कपिल सिब्बल ने कहा, ‘इंतजार की भी एक हद होती है. हम कब तक इंतजार करेंगे. हम सिर्फ एक मजबूत संगठनात्मक ढांचा चाहते हैं. कुछ बात होनी चाहिए. CWC में किसी भी मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए. पंजाब के हालातों पर चर्चा होनी चाहिए. हम किसी के खिलाफ नहीं है. हम पार्टी के साथ हैं, लेकिन फैक्ट ये है कि हमारी पार्टी का कोई चुना हुआ अध्यक्ष नहीं है.’ उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी को दिल्ली से कंट्रोल नहीं किया जाना चाहिए.
पार्टी छोड़कर गए नेताओं से की वापस आने की मांग
एक सीमावर्ती राज्य (पंजाब) जहां कांग्रेस पार्टी के साथ ऐसा हो रहा है, इसका क्या मतलब है? इससे ISI और पाकिस्तान को फायदा है. कांग्रेस को सुनिश्चित करना चाहिए कि वे एकजुट रहें. अगर किसी को दिक्कत है तो वो पार्टी के वरिष्ठ नेता से चर्चा करें.
जो कांग्रेस के लोग हमें छोड़कर चले गए हैं वो वापस आ जाए क्योंकि कांग्रेस ही ऐसी विचारधारा है जो इस देश की बुनियाद है जिसके आधार पर हमारी रिपब्लिक बनी थी उसको बरकरार रख सकती है. कपिल सिब्बल ने कहा, ‘लोग हमें छोड़ रहे हैं. सुष्मिता जी चली गईं. फेलेरियो चले गए. सिंधिया चले गए. जितिन प्रसाद चले गए. केरल से सुधीरन चले गए. अब सवाल ये है कि लोग क्यों जा रहे हैं? एक तार्किक उत्तर होना चाहिए.’ इस दौरान कपिल सिब्बल ने कहा कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी को संवाद करना चाहिए.
कपिल सिब्बल ने कहा, ‘हम कांग्रेस के खिलाफ बयान नहीं दे रहे हैं बल्कि हम कांग्रेस के साथ हैं. पंजाब में जो घटनाएं हो रही हैं, हमने उस पर कुछ नहीं कहा. हम चुप रहे. सिद्धू मामले में भी हमने यही कहा कि ये बात पब्लिक प्लेटफार्म पर नहीं बल्कि पार्टी फोरम में होनी चाहिए. हम किसी व्याक्ति के खिलाफ नहीं हैं. अगर ऐसे ही चलता रहा तो हम भी एक पार्टी के साथ चलेंगे. कांग्रेस का नुकसान होना मतलब देश की नींव का कमजोर होना है.’