पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक: तीन सदस्यीय समिति ने पंजाब के DGP सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों को किया तलब

 पंजाब के फिरोजपुर दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक हुई थी. इसकी जांच के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा तीन सदस्यीय समिति गठित की गई थी। पीएम की सुरक्षा में हुई चूक की तीन सदस्यीय समिति जांच करेगी. तीन सदस्यीय समिति का नेतृत्व सुधीर कुमार सक्सेना, सचिव (सुरक्षा), कैबिनेट सचिवालय करेंगे और इसमें बलबीर सिंह, संयुक्त निदेशक, आईबी और एस सुरेश, आईजी, एसपीजी शामिल होंगे. ये समिति जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपेगी. वहीं, समाचार एजेंसी एएनआई को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस समिति ने राज्य के पुलिस प्रमुख एस चट्टोपाध्याय सहित एक दर्जन से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों को फिरोजपुर में तलब किया है.

समिति ने जिन अधिकारियों को तलब किया है, उनमें डीजीपी एस चट्टोपाध्याय के अलावा अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) जी नागेश्वर राव, एडीजीपी जितेंद्र जैन, पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) पटियाला मुखविंदर सिंह चिन्ना, फिरोजपुर उप महानिरीक्षक इंद्रबीर सिंह, फरीदकोट के डीआईजी सुरजीत सिंह का नाम शामिल हैं. इनके अलावा फिरोजपुर के उपायुक्त दविंदर सिंह, फिरोजपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) हरमनदीप हंस, मोगा के एसएसपी चरणजीत सिंह सोहल, कोटकपूरा के ड्यूटी मजिस्ट्रेट वरिंदर सिंह, लुधियाना के संयुक्त आयुक्त अंकुर महेंद्रू, बठिंडा के उपायुक्त एएसपी संधू, बठिंडा के एसएसपी अजय मलूजा और फिरोजपुर वीवीआईपी नियंत्रण कक्ष प्रभारी का नाम भी शामिल है.

आज की सुनवाई में क्या हुआ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान सीजेआई एन वी रमन्ना ने कहा कि राज्य और केंद्र दोनों ने समिति बनाई हैं, क्यों ना दोनों को जांच करने दी जाए. फिर सीजेआई ने कहा कि राज्य और केंद्र की समिति अपना काम रोक दें, हम यह बात आदेश में दर्ज नहीं कर रहे, लेकिन दोनों समितियों को यह सूचित कर दिया जाए. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब हाई कोर्ट को सभी रिकॉर्ड सुरक्षित रखने का आदेश दिया.

केंद्र और पंजाब सरकार कि जांच कमेटी सोमवार को होने वाली सुनवाई तक प्रक्रिया को आगे नहीं बढाएंगी. सुप्रीम कोर्ट ने डीजी, चंडीगढ़ और एनआईए के एक अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पीएम की सुरक्षा को लेकर हम गंभीर हैं, राज्य और केंद्र अपनी कमेटी पर खुद से विचार करें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार को रिकॉर्ड सुरक्षित करने के आदेश दिए गए हैं. मतलब पीएम मोदी के रूट की सभी जानकारी को सुरक्षित रखने को कहा गया है. कोर्ट ने पंजाब सरकार, पंजाब पुलिस, एसपीजी और दूसरी एजेंसियों से रजिस्ट्रार जनरल को जरूरी जानकारी देने को भी कहा. एनआईए से भी सहयोग करने को कहा गया है.

पंजाब सरकार ने भी गठित की है समिति
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भी इस मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की है. सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति मेहताब सिंह गिल और प्रधान सचिव, गृह मामले व न्याय, अनुराग वर्मा को तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है. चन्नी ने कहा कि रिपोर्ट आने के बाद ही दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.

क्या है पूरा मामला?
पीएम मोदी पंजाब के फिरोजपुर पहुंचकर 42,750 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं की आधारशिला रखने वाले थे. इसके लिए उन्हें सड़क के रास्ते से राष्ट्रीय शहीद स्मारक ले जाया जा रहा था क्योंकि खराब मौसम के कारण हेलिकॉप्टर से जाना संभव नहीं था. लेकिन कार्यक्रम स्थल से कुछ दूरी पर किसानों ने प्रदर्शन करते हुए सड़क को ब्लॉक कर लिया, जिसके चलते प्रधानमंत्री का काफिला 15-20 मिनट तक फ्लाईओवर पर ही फंसा रहा. सड़क खाली नहीं होने की स्थिति में उन्हें अपनी रैली रद्द कर वापस लौटना पड़ा.

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