पूरे देश में मानसून बना आफत; गुजरात, उत्तराखंड, महाराष्ट्र में बाढ़ जैसे हालात

नई दिल्ली: देश के ज्यादातर राज्यों में इस वक्त मॉनसून की जबरदस्त बारिश हो रही है। शहर के शहर सैलाब की चपेट में आ रहे हैं। जुलाई के महीने में ही मॉनसून डरावना हो चुका है। पानी आफत बनकर आसमान से बरस रहा है और मैदान से लेकर पहाड़ तक सैलाब जैसे हालात बन रहे हैं। मॉनसून की बारिश और सैलाब से सबसे बुरा हाल गुजरात का है। शहर से लेकर गुजरात के गांवों तक पानी ही पानी है। गुजरात ही नहीं, दिल्ली, मुंबई, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा,हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक और ओडिशा में भी मॉनसून की बारिश ने कोहराम मचा रखा है।

हर रोज़ आसमान से बरसती बारिश से हाहाकार मचा है। देश का ऐसा कोई राज्य नहीं है जहां मॉनसून तबाही नहीं मचा रहा लेकिन कुदरत की सबसे ज्यादा मार गुजरात पर पड़ रही है। गुजरात के 25 से ज्यादा जिलों में हालात बेहद खराब है। गांव के गांव और शहर के शहर लबालब पानी में डूब रहे हैं। एनडीआरएफ की टीम रस्सी की मदद से सैलाब में फंसे लोगों को रेस्क्यू कर रही है।

गुजरात के तटीय जिले गिर-सोमनाथ में सोमवार को लगातार 7 घंटे तक मूसलाधार बारिश हुई जिसके बाद पूरे जिले में सैलाब जैसे हालात बन गए। कई गांव 10-10 फीट तक पानी में डूब गए। जान बचाने के लिए लोग घरों की छत चढ़ गए जिन्हें एनडीआरएफ की टीम ने बोट की मदद से रेस्क्यू किया लेकिन कुछ ऐसे इलाके थे जहां बोट भी नहीं जा सकती थी उन इलाकों में रस्सी की मदद से लोगों रेस्क्यू किया गया।

यहां सोमवार को हुई भारी बारिश में रेलवे ट्रैक भी डूब गए जिसकी वजह से एक ट्रेन बीच रास्ते में रूक गई। इस ट्रेन में 225 यात्री थे जिन्हें एनडीआरएफ की टीम ने बोट की मदद से यात्रियों को सुरक्षित निकाला। वहीं भावनगर में पानी की रफ्तार एक बाइकसवार को साथ बहा ले गई। उसे बचाने के लिए दूसरे ने कोशिश की तो वो भी बह गया। बाइक के साथ दोनों युवक बह गए और लोग तमाशबीन बने देखते रह गए। हालांकि गनीमत ये थी कि आगे एक मकान की वजह से दोनों बच गए।

गुजरात के ही अमरेली में उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक बस नदी में फंस गई और इसमें सवार 35 मुसाफिरों की जान पर बन आई। सैलाब के पानी में नदी पर बना पुल डूबा हुआ था। इसी डूबे पुल से ड्राइवर ने बस निकालने की कोशिश की लेकिन बीच पुल पर फंस गई। चीख पुकार सुनकर गांव वाले मदद को आगे आए और बस में फंसे 35 लोग बारी-बारी से सुरक्षित बाहर निकाल लिए गए। भारी बारिश के बाद पूरा सूरत शहर भी सैलाब की चपेट में आ गया।

वहीं उत्तराखंड के चमोली में देर रात उस वक्त हडकंप मच गया जब अचानक बादल फटा और फिर पहाड़ से आए सैलाब में घर मकान दुकान और गाड़ियां सब बह गए। गनीमत रही की इसमें कोई हताहत नहीं हुआ लेकिन बादल फटने के बाद आए तूफान में 7 पुल भी बह गए जिसकी वजह से चमोली के कई गांवों तक पहुंचने के रास्ते बंद हो गए हैं।

महाराष्ट्र के नासिक में भी भारी बारिश की वजह से गंगापुर डैम 75 फीसदी भर गया है। हालात ये है कि डैम का पानी अब रिहाइशी इलाकों में घुस रहा है। डैम के पास बने कई मंदिर पानी में डूब चुके है। हनुमान की विशाल मूर्ति भी डैम के पानी में आधी से ज्यादा डूब चुकी है। सोमवार शाम तक 3144 क्यूसेक पानी गोदावरी नदी में छोड़ा गया था। आज भी और पानी नदी में पानी छोड़ा जा सकता है। ऐसे में नदी का जलस्तर और बढ़ सकता है।

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