प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खोला पाकिस्तान पर किए सर्जिकल स्ट्राइक का सबसे बड़ा राज़

नई दिल्ली: आधी रात का वक्त हो रहा था जब सितंबर 2016 में पाकिस्तान पर भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक किया था लेकिन भारत सरकार दुनिया को ये बताने दोपहर 12 बजे सामने आई तो फिर 10 घंटे तक पीएमओ में क्या चल रहा था? सेना स्ट्राइक के बाद किस बात की तैयार कर रही थी? कल लंदन में सर्जिकल स्ट्राइक का पूरा सच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बता रहे थे। उन्होंने बताया कि सबसे पहले सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में जानकारी पाकिस्तान को दी गई थी क्योंकि पाकिस्तान को बताना था कि 19 जवानों की शहादत का बदला पूरा हुआ। भारतीय सेना ने जब दावा किया था कि उसने पाकिस्तान के साथ लगती नियंत्रण रेखा के पास सर्जिकल स्ट्राइक की हैं तब पाकिस्तानी सेना ने भारत के दावों का खंडन करते हुए कहा था कि कार्रवाई नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी तक सीमित थी।

इसी मुद्दे पर बुधवार को पूछे गए सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत का चरित्र अजेय रहने का है। विजयी रहने का है लेकिन किसी के हक़ को छीनना ये भारत का चरित्र नहीं है लेकिन जब कोई टेररिज़्म एक्सपोर्ट करने का उद्योग बनाकर बैठा हो, मेरे देश के निर्दोष नागरिकों को मौत के घाट उतार दिया जाता हो, पीठ पर वार करने के प्रयास होते हों तो ये मोदी है, उसी भाषा में जवाब देना जानता है।”

मोदी ने आगे कहा, “हमारे जवान टेंट में सोए हुए थे, रात को कुछ बुजदिल आकर उनको मौत के घाट उतार देते हैं, आपमें से कोई चाहेगा कि मैं चुप रहूं, क्या उनको ईंट का जवाब पत्थर से देना चाहिए या नहीं देना चाहिए? इसलिए सर्जिकल स्ट्राइक किया और मुझे अपनी सेना पर गर्व है। जो योजना बनी थी, उसको शत प्रतिशत बिना गलती किए बिना उन्होंने सही तरीके से अमल में लाए और सूर्योदय होने से पहले सब लौटकर वापस आ गए।“

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये भी कहा कि दुनिया को जानकारी देने के पहले भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में पाकिस्तान को बताया था। उन्होंने कहा, “हमारी नेकदिली देखिए, मैंने हमारे अफसर जो इसको ऑपरेट कर रहे थे उनको कहा आप हिंदुस्तान को पता चले उससे पहले, मीडिया वहां पहुंचे उससे पहले पाकिस्तान की फौज को फोन करके बता दो कि आज रात हमने ये किया है, ये लाशें वहां पड़ी होगी। हम सुबह 11 बजे से फोन लगाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन वो फोन पर आने से डरते थे। आ नहीं रहे थे।“

मोदी ने आगे कहा, “हम यहां पत्रकारों को बुला कर रखे थे। उनको आश्चर्य हो रहा था कि क्या बात है। मैंने कहा पत्रकारों को बिठाइये। थोड़े वो नाराज हो जाएंगे लेकिन सबसे पहले पाकिस्तान से बात करो कि हमने किया है। छिपाया नहीं हमने। 12 बजे वो टेलिफोन पर आए, उनसे बात हुई, उनको बताया कि ऐसा-ऐसा हुआ है और हमने किया है और तब हमने हिंदुस्तान की मीडिया और दुनिया को बताया कि भारत की सेना को ये अधिकार था, न्याय को प्राप्त करने का। ये भारत के वीरों का पराक्रम था लेकिन टेररिज्म एक्सपर्ट करने वालों को पता होना चाहिए कि अब भारत बदल चुका है।“

यह पूछे जाने पर कि सेना की वीरता पर सवाल उठाने वाले कुछ लोगों के बारे में वह क्या सोचते हैं, इस पर मोदी ने कहा कि वह इस मंच का इस्तेमाल किसी की आलोचना के लिए नहीं करना चाहते। उन्होंने कहा, ‘मैं बस उम्मीद करता हूं कि ईश्वर उन्हें सद्बुद्धि दे। इस पर दर्शक दीर्घा में बैठे लोगों ने खूब ठहाके लगाए। भारतीय थलसेना ने 28-29 सितंबर 2016 की दरम्यानी रात में एलओसी के पार जाकर चार आतंकवादी ठिकानों पर सर्जिकल हमला किया था जिसमें करीब 20 आतंकवादी मारे गए थे।’

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