फिनलैंड और स्वीडन ने नाटो की सदस्यता के लिए दिया आवेदन
यूक्रेन के खिलाफ जंग में व्यस्त रूस (Russia) को एक बड़ी चुनौती मिली है। उसकी धमकियों से बेपरवाह फिनलैंड (Finland) और स्वीडन (Sweden) ने उत्तर अटलांटिक संधि संगठन यानि नाटो (NATO) की सदस्यता के लिए आवेदन दे दिया है। नाटो (NATO) महासचिव जेन्स स्टोल्टनबर्ग ने बुधवार को कहा कि फिनलैंड और स्वीडन ने नाटो में शामिल होने के लिए आधिकारिक तौर पर आवेदन दिया है। दोनों देशों ने यूक्रेन पर रूस के हमले से बढ़ी चिंताओं के बीच सबसे बड़े सैन्य गठबंधन में शामिल होने के लिए यह कदम उठाया है।
पूरी प्रक्रिया में लग सकता है दो सप्ताह का वक्त
स्टोल्टनबर्ग ने दो नॉर्डिक देशों के राजदूतों से आवेदन प्राप्त करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं नाटो में शामिल होने के फिनलैंड और स्वीडन के अनुरोध का स्वागत करता हूं। आप हमारे निकटतम साझेदार हैं।’’ अब इन आवेदनों को कम से कम 30 सदस्य देशों की मंजूरी मिलना जरूरी है। पूरी प्रक्रिया में दो सप्ताह का वक्त लग सकता है।
हालांकि तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन फिनलैंड और स्वीडन को नाटो में शामिल करने को लेकर आपत्ति जता चुके हैं। अगर आपत्तियों को दूर कर लिया गया और बातचीत आगे बढ़ती है तो दोनों देश कुछ ही महीनों में नाटो में शामिल हो जाएंगे। इस पूरी प्रक्रिया में आमतौर पर आठ से 12 माह का वक्त लगता है, लेकिन नाटो इसे जल्द पूरी करना चाहता है। गौरतलब है कि 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से स्वीडन और फिनलैंड में नाटो में शामिल होने पर आम राय बनी है। यूक्रेन पर हमले के बाद इन देशों को इस बात की आशंका थी कि रूस उन्हें भी अपना निशाना बना सकता है। इसलिए इन दोनों देशों ने नाटो की सदस्यता के लिए पहल शुरू कर दी थी। हालांकि रूस की ओर इन दोनों देशों को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी मिल चुकी है। रूस की धमकियों की परवाह न करते हुए अब उन्होंने नाटो में शामिल होने का आवेदन दे दिया है तो जल्द ही प्रक्रिया पूरी हो जाने के आसार हैं।