बंगाल में पटाखों पर रोक, कालीपूजा-दिवाली और छठ पूजा पर 2 घंटे केवल ग्रीन पटाखे ही जलाने की अनुमति
पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (West Bengal Pollution Control Board) ने कालीपूजा-दिवाली (Diwali) और छठ पर्व (Chhatt Puja) के मौके पर बंगाल में पटाखों पर रोक (Fire Crackers Ban) लगा दी है. पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि दिवाली और छठ पर्व पर सिर्फ दो घंटे के लिए ग्रीन पटाखों (Only green crackers) को ही चलाने की इजाजत होगी और क्रिसमस और नये साल की पूर्व रात को लेकर 35 मिनट तक ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति होगी.
पश्चिम बंगाल प्रदूशण नियंत्रण बोर्ड की ओर से पटाखों को लेकर जारी गाइड लाइन में निर्देश दिए गए हैं कि दिवाली को रात 8 बजे से रात 10 बजे तक और छठ पूजा पर सुबह 6 बजे से 8 बजे तक ग्रीन पटाखों को चलाने की अनुमति है. बोर्ड की ओर से कहा गया है कि राज्य में किसी भी प्रकार के पटाखों को चलाने की अनुमति नहीं है. ज्ञात हो कि इससे पहले पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली और हरियाणा जैसे राज्यों में भी पटाखों पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है.
पश्चिम बंगाल में इसके पहले भी दिवाली पर प्रतिबंध लगाए जा चुके हैं और इस बाबत वेस्ट बंगाल क्रैकर्स डीलर्स एसोसिएशन ने पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल की इजाजत देने के लिए राज्य सरकार से मांग भी की है. बता दें कि पिछली बार दीवाली से कुछ दिन पहले पटाखों की बिक्री और चलाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. हालांकि पिछले दिनों क्रिकेट मैच के दौरान जमकर पटाखे चले थे. पिछले वर्ष भी सवाल उठा था कि जब क्रिकेट मैच के दौरान पटाखे चले थे, तो फिर प्रतिबंध लगाकर क्या फायदा. हालांकि प्रशासन ने इस तर्क को नहीं माना था.
सुप्रीम कोर्ट ने भी बैन को बताया था जायज
पिछले साल पश्चिम बंगाल में दीवाली, छठ पूजा, काली पूजा आदि के दौरान पटाखों के उपयोग पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने प्रतिबंध लगा थी. इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा था. सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली सहित चल रहे त्योहारी सीजन के दौरान पश्चिम बंगाल में पटाखों पर प्रतिबंध के खिलाफ याचिका पर दखल देने से इनकार किया था.