बाइडन पर भड़का उत्तर कोरिया, अमेरिका को दे डाली चेतावनी

उत्तर कोरिया ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि उसे एक बहुत “गंभीर हालात” का सामना करना पड़ेगा क्योंकि राष्ट्रपति जो बाइडन ने “बहुत बड़ी ग़लती” कर दी है.

उसने ये बयान ऐसे समय दिया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति उत्तर कोरिया और उसके परमाणु कार्यक्रम के बारे में अपनी रणनीति घोषित करने वाला है.

उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी किए एक बयान में कहा गया है कि बाडइन ने अपने हाल के भाषण में उत्तर कोरिया को सुरक्षा के लिए एक बड़ा ख़तरा बताकर जता दिया है कि बाइडन भी आने वाले वक़्त में ‘शत्रुतापूर्ण नीतियां’ ही अपनाएंगे.

इस सप्ताह के शुरूआत में राष्ट्रपति बाइडन ने उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को वैश्विक सुरक्षा के लिए ‘गंभीर ख़तरा’ बताया था.व्हाइट हाउस का कहना है कि वह उत्तर कोरिया के साथ ‘बेहद नपा-तुला’ तरीक़ा अपनाएगा.

व्हाइट हाउस की प्रवक्ता जेन साकी ने शुक्रवार को कहा, ”अमेरिकी नीतियों की समीक्षा बैठक पूरी हो गई है और राष्ट्रपति बाइडन ने पिछले प्रशासन से सीख ली है, जब अमेरिका ने कोशिश की लेकिन उत्तर कोरिया के परमाणु योजना को रोकने में नाकाम रहा. ”

” हमारी नीतियां अब तोल-मोल वाले समझौतों पर केंद्रित होंगी ना कि रणनीतिक धैर्य पर. अमेरिका अब नपे-तुले व्यवहारिक तरीके अपनाएगा और अपनी एवं अपने सहयोगियों की सुरक्षा को बढ़ाते हुए उत्तर कोरिया के साथ कूटनीतिक रिश्तों की संभावनाएं तलाशेगा.”

जल्द ही अमेरिका जापान और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों को भी समीक्षा के लिए बुला सकता है.

उत्तर कोरिया के तीखे तेवर

रविवार को उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया पर वहां के विदेश मंत्रालय का एक बयान चलाया गया जिसमें बाइडन के बयान को “असहनीय” और “बड़ी ग़लती” बताया गया.

विदेश मंत्रालय के अमेरिकी मामलों के विभाग के क्वान जॉन्ग-गुन ने कहा, ”बाइडन के बयान से साफ़ झलकता है कि वह उत्तर कोरिया के प्रति विरोधी पूर्ण रवैया ही अपनाने वाले हैं जैसा कि बीते 50 सालों से अमेरिका करता आया है.”

एक अलग बयान में विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अपने बयान में उत्तर कोरिया में मानवाधिकार की आलोचना करके अमेरिका ने किम जोंग-उन की बेइज़्ज़ती की है.

बाइडन ने अपने कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने के मौके पर कांग्रेस के संयुक्त अधिवेशन में कहा था कि ”उत्तर कोरिया और ईरान की परमाणु योजनाएं अमेरिका के लिए और पूरी दुनिया की सुरक्षा के लिए गंभीर ख़तरा हैं.”

उन्होंने ये भी कहा कि ” हम अपने सहयोगी देशों के साथ मिल कर इस ख़तरे से निपटने के लिए कूटनीति और कड़ी निंदा का सहारा लेंगे.”

हालांकि ये साफ़ नहीं है कि मानवाधिकार से जुड़े किस बयान पर उत्तर कोरिया ने प्रतिक्रिया दी है, लेकिन अमेरिकी अख़बार वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ अमेरिका उत्तर कोरिया में मानवाधिकार के लिए एक राजदूत नियुक्त करने पर विचार कर रहा है.

अमेरिका का कहना है कि वह फ़रवरी के मध्य से ही उत्तर कोरिया से कूटनीतिक संबंध स्थापित करने की कोशिश कर रहा है.

बाइडन और किम जोंग के बीच जारी तल्ख़ी

अब तक उत्तर कोरिया ने जो बाइडन को अमेरिका का नया राष्ट्रपति नहीं माना है.

जो बाइडन ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान किम जोंग उन को ‘ठग’ कहा था. जिसके बाद जब बाइडन की जीत हुई तो किम जोंग ने एक भाषण में अमेरिका को अपना ‘सबसे बड़ा दुश्मन’ बताया.

किम जोंग उन ने राजधानी प्योंगयांग में सत्ताधारी वर्कर्स पार्टी की एक महत्वपूर्ण बैठक को संबोधित करते हुए कहा था कि अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन के लिए निश्चित रूप से एक चुनौती है, जो कुछ दिन बाद ही डोनाल्ड ट्रंप की जगह लेने वाले हैं. साथ ही उन्होंने अधिक उन्नत परमाणु हथियारों की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया है.

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ऐसे राष्ट्रपति थे जिन्होंने किम जोंग उन से तीन बार मुलाकात की लेकिन परमाणु योजना और प्रतिबंध से जुड़े किसी भी समझौते पर पहुंचने में असफल रहे.

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