बाघ 12 साल में हुए दोगुने, गिनती के लिए देशभर में खींची गई 3.5 करोड़ फोटो
नई दिल्ली। वर्ष 2013 में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग कर यह अनुमान लगाया गया कि देशभर में करीब तीन हजार बाघ (Tiger) हैं। इस तकनीक से बाघों की संख्या का पता लगाने के लिए कैमरे से कुल 3.5 करोड़ तस्वीरें ली गई, जिनमें 76,523 तस्वीरों में बाघ नजर आए। विभिन्न स्तरों पर किए गए प्रयासों से हम 12 वर्षो में बाघों की संख्या दोगुनी करने में सफल रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन के चौथे चरण को जारी किया, जिसमें बताया गया कि भारत ने 2022 की तय समयसीमा से चार साल पहले ही बाघों की आबादी को दोगुना करने का लक्ष्य हासिल कर लिया। इस दौरान बताया गया कि 2006 में जहां बाघों की कुल संख्या महज 1,411 रह गई थी, वहीं 2018 में यह बढक़र 2,967 तक पहुंच गई।
भारत के वन्यजीव संस्थान (WII) के टाइगर सेल के प्रमुख वाई. वी. झाला से जब यह पूछा गया कि अन्य देश बाघों को बचाने के संकट से जूझ रहे हैं तो हमने इनकी आबादी में अभूतपूर्व बढ़ोतरी कैसे हासिल कर ली? इस पर झाला ने कहा, इसके पीछे का कारण लोगों का रवैया है।
उन्होंने कहा, भारत में लोग जानवरों के साथ सह-अस्तित्व के लिए तैयार हैं। उच्च मानव जनसंख्या घनत्व के बावजूद वे जियो और जीने दो के आदर्श वाक्य का पालन करते हैं। अन्य देशों में, जानवरों का आम तौर पर शोषण किया जाता है।