बाढ़ राहत कैंप में खाना-दवा के बदले मांगा जा रहा दिल्ली का आधार कार्ड: मनोज तिवारी
दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ने के चलते निचले इलाकों में रहने वाले कई परिवार राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने मंगलवार को गीता कॉलोनी पुस्ता में स्थित एक शिविर का दौरा किया. उन्होंने वहां लोगों की मिल रही सुविधाओं और उनकी परेशानियों का जायज़ा लिया. इस दौरान उन्होंने आरोप लगाय कि दिल्ली सरकार कैंप में रह रहे लोगों से भेदभाव कर रही है.
मनोज तिवारी ने मीडिया से बातचीत में कहा, “कैंप में रह रहे अनेक लोगों ने मुझे बताया कि सरकारी अधिकारी किसी मंत्री के आने पर तो मुस्तैदी दिखाते हैं, लेकिन लोगों को मानवीय सुविधाएं दिलवाने पर उनका ध्यान बिलकुल नहीं है. लोगों ने मुझे यह भी बताया कि अधिकारी उनका आधार कार्ड देखकर ही कैंप में रहने की इजाजत दे रहे हैं.’दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष के मुताबिक, लोगों ने उन्हें बताया कि कैंप में दवा और भोजन उपलब्ध कराने के लिए दिल्ली का आधार कार्ड मांगा जा रहा है. मनोज तिवारी ने कहा बीजेपी इसकी भर्त्सना करती है और मांग करती है कि बाढ़ प्रभावित लोगों को सरकार मानवता के आधार पर सभी मूलभूत सुविधाएं दे.तिवारी ने कहा कि यमुना में आई बाढ़ के चलते खादर क्षेत्र में रहने वाले लोगों को अभी लगभग दो हफ्ते तक राहत शिविरों में रहना पड़ सकता है. ऐसे में सरकार इन्हें केवल पतले प्लास्टिकनुमा कैम्प की जगह कुछ ठीक-ठाक सा तंबू उपलब्ध कराए.
उन्होंने कहा, “हम दिल्ली सरकार से अपील करते हैं कि वह तीन बच्चों की भूख से मृत्यु के मामले से सबक ले और यह सुनिश्चित करे कि बाढ़ पीड़ितों को भोजन, दवा और तंबू देने में किसी प्रकार की सरकारी कार्यवाही बाधक न बनें. अगर किसी भी कुव्यवस्था की शिकायत आएगी तो बीजेपी कार्यकर्ता बाढ़ पीड़ितों को आवश्यकता अनुसार भोजन उपलब्ध कराने का जिम्मा खुद अपने हाथों में ले लेंगे.’
मनोज तिवारी ने दिल्ली के तीनों नगर निगम के मेयर्स को निर्देश दिया है कि वे बाढ़ पीड़ितों के लिए दिल्ली में विभिन्न स्थानों पर लगाए गए कैंप्स में सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करने में सहयोग करें.