बिहार, गोवा, मणिपुर में विपक्ष ने सरकार बनाने का दावा ठोका

नई दिल्ली: कर्नाटक की राजनीतिक गर्माहट से मणिपुर, बिहार और गोवा में भी पारा चढ़ चुका है. मणिपुर और गोवा में कांग्रेस ने सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया है. वहीं बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने कहा है कि राज्यपाल उन्हें सरकार बनाने का मौका दें. गोवा, बिहार और मणिपुर में बीजेपी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार है. दरअसल, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का कहना है कि जब कर्नाटक में राज्यपाल ने सबसे बड़ी पार्टी होने के आधार पर बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता दिया तो मणिपुर, बिहार और गोवा में वह सबसे बड़ी पार्टी है राज्यपाल उसे सरकार बनाने का मौका दें.

बिहार में चढ़ा राजनीतिक पारा
बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने आज बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात की और सरकार बनाने के लिए दावा पेश किया. उन्होंने राज्यपाल को पत्र सौंपते हुए कहा कि उन्हें सरकार बनाने के लिए न्योता दें. तेजस्वी यादव के साथ कांग्रेस, वामदल समेत अन्य दलों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे. आपको बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस (महागठबंधन) ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में बीजेपी को करारी शिकस्त मिली थी. लेकिन बाद में आरजेडी नेताओं पर लगे भ्रष्टाचार के कथित आरोपों के बाद नीतीश कुमार की जेडीयू ने आरजेडी से नाता तोड़ लिया था.नीतीश बाद में बीजेपी के साथ चले गये और सरकार बनाई. आरजेडी की तब मांग थी की सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते राज्यपाल उन्हें सरकार बनाने का मौका दें लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अब जब राज्यपाल ने सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते कर्नाटक में बीजेपी को सरकार बनाने के लिए न्योता दिया तो इसी को आधार बनाते हुए आरजेडी राजनीतिक फायदा उठाना चाहती है.

बिहार विधानसभा में कुल 243 विधानसभा सीट है. जिसमें से आरजेडी के पास सबसे अधिक 80 सीटें हैं. जेडीयू के 70, बीजेपी के 53, कांग्रेस के 27, सीपीआईएम के 3, हम के एक, एलजेपी के दो, रालोसपा के दो और निर्दलीय चार विधायक हैं. विपक्ष (आरजेडी, कांग्रेस, वामदल और हम) के पास 111 सीट है.

मणिपुर
कर्नाटक का राजनीतिक इफेक्ट पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर पर भी दिखा. जहां कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने मणिपुर के कार्यवाहक राज्यपाल जगदीश मुखी से मुलाकात कर सूबे में सरकार बनाने का दावा पेश किया. 60 सदस्यों वाली मणिपुर विधानसभा में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है और उसके 28 विधायक हैं और वह विपक्ष में है.

पिछले साल मार्च में हुए विधानसभा चुनाव में किसी भी दल को पूर्ण जनादेश नहीं मिला था. चुनाव में बीजेपी ने पहली बार 21 सीटों पर जीत हासिल की. दूसरी सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद राज्यपाल ने बीजेपी को गठबंधन के साथ बहुमत होने के आधार पर सरकार बनाने का न्योता दिया और सरकार बनी. राज्य में एनपीएफ के चार, एनपीपी के चार, एलजेपी के एक और एक अन्य विधायक बीजेपी के साथ हैं.

गोवा
कांग्रेस ने गोवा में भी सरकार बनाने का दावा पेश किया. पार्टी प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल मृदुला सिन्हा को पत्र सौंपकर सदन में बहुमत साबित करने का न्योता देने की मांग की.40 सदस्यों वाली गोवा विधानसभा के लिए पिछले साल चुनाव हुए थे और कांग्रेस 17 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. वहीं बीजेपी को 13 सीटें मिली थी. हालांकि चुनाव बाद गठबंधन कर बीजेपी ने सरकार बना ली. बीजेपी को एमजीपी के तीन, जीएफपी के तीन, आईएनडी के तीन और एनसीपी के एक विधायक का समर्थन प्राप्त है.

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