बीजेपी का पलटवार, ‘2019 में लोकसभा चुनाव हारेंगे राहुल और सोनिया’
नई दिल्ली: आगामी लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी से हारने के राहुल गांधी के दावे पर पलटवार करते हुए बीजेपी ने रविवार को कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष और उनकी मां सोनिया गांधी उनके प्रति लोगों की बढती ‘निराशा’ के कारण अपनी अपनी सीटों से हारेंगे. बीजेपी प्रवक्ता अनिल बलुनी ने कहा कि राहुल गांधी को मोदी के बारे में चिंता नहीं करनी चाहिए और उन्हें 2019 में अपने तथा सोनिया गांधी के चुनावी भविष्य की चिंता करनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘आज की परिस्थितियों को देखते हुए राहुल और उनकी मां सोनिया गांधी अपनी अपनी सीटों क्रमश: अमेठी और रायबरेली से हारेंगे. उन्होंने अपने क्षेत्रों के लिए कुछ नहीं किया और उनके प्रति लोगों की निराशा बढती जा रही है.’’
राहुल ने कहा था – पीएम मोदी को हराया जा सकता है
इससे पहले, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कर्नाटक चुनाव प्रचार के दौरान कहा कि विपक्षी एकजुटता हो तो बीजेपी 2019 का चुनाव नहीं जीत पाएगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बनारस की अपनी सीट से हार सकते हैं. विपक्षी एकता पर अपना भरोसा जताते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं जीत पाएगी. विभिन्न निजी, क्षेत्रीय आंकाक्षाओं के बावजूद गठबंधन बनाने और इसे संभालने के प्रति गांधी ने भरोसा जताया. ‘दलित आक्रोश’ पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘साफ कहूं तो मुझे नहीं लग रहा कि बीजेपी अगला चुनाव जीतेगी.’’
बीजेपी ने दलित मुद्दों को लेकर विपक्ष पर आरोप लगाए
बीजेपी ने कांग्रेस तथा बसपा सहित विपक्षी दलों पर दलित समुदाय से जुड़े मुद्दों को लेकर माहौल खराब करने की साजिश के तहत हिंसा भड़काने का आज आरोप लगाया और दावा किया कि वह एकमात्र ‘दलित समर्थक’ पार्टी है. दलित मुद्दों को लेकर भगवा दल पर निशाना साधने वाले विपक्षी दलों को जवाब देने के लिए बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और थावर चंद गहलोत को मैदान में उतारा. उन्होंने कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी पर ‘झूठ और अफवाह के माध्यम’ से आग में घी डालने के आरोप लगाए.
बहरहाल, बीजेपी नेताओं ने अपनी पार्टी के कई दलित सांसदों के बयानों से जुड़े सवालों के जवाब नहीं दिए. प्रसाद ने कहा कि पार्टी उनसे बात करेगी और उनकी चिंताओं को सुनेगी. दलित समूहों द्वारा दो अप्रैल को आहूत भारत बंद के दौरान हिंसक प्रदर्शन में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई. इससे समुदाय की समस्याएं सामने आईं और विपक्ष तथा सत्तारूढ़ बीजेपी के बीच शब्द युद्ध छिड़ गया. बीजेपी के प्रमुख दलित नेता गहलोत ने कांग्रेस और मायावती नीत बसपा पर प्रहार करते हुए कहा कि दलित विचारक भीमराव अंबेडकर और बसपा संस्थापक कांशी राम ने कभी भी हिंसा का समर्थन नहीं किया.