बीजेपी को निकालना होगा,सपा के मुफ्त बिजली वालेे ‘वादे’ का ’तोड़’
अजय कुमार,लखनऊ
उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव के लिए सभी दल कमर कसे हुए हैं,लेकिन ऐसा लगता है कि सत्ता हासिल करने के लिए तमाम दलों ने विकास और विचारधारा को ताक पर रखकर मतदाताओं को उपभोक्ताओं की तरह से डील करना शुरू कर दिया है। इसी के चलते राजनैतिक दलों में मतदाताओं को तमाम लुभावने‘ फ्री ऑफर’ देने की होड़ लग गई है। समाजवादी सरकार थी तो उसने छात्र-छात्राओं को फ्री में लैपटॉप, साइकिल बांटी, बेरोजगारी भत्ता दिया। कन्या विद्याधन योजना चलाई। समाजवादी पेंशन योजना चालू की। सरकारी पैसे से कब्रिस्तान की चारदिवारी बनवाई। लोहिया ग्रामीण आवास दिए गए। इसी तरह से जब भाजपा केन्द्र और यूपी की सत्ता में आई तो दिल्ली से लेकर लखनऊ तक में फ्री-फ्री का खेल खूब खेला जा रा है। फ्री में गेहूं-चावल,कम कीमत पर प्रधानमंत्री आवास। ढाई लाख रुपए लेकर, होम लोन योजना। सिर्फ 6 फीसदी ब्याज में कर्ज। शौचालय के लिए 12000 की मदद। किसान सन्मान निधि के तहत साल में 6 हजार रुपए की मदद। उज्जवला योजना, स्वास्थ बीमा योजना, फ्री कोवीड वैक्सीन का टीका। जनता के टैक्स से मतदाताओं को लुभाने के लिए तमाम सरकारों द्वारा बनाई जाने योजनाओं की लम्बी-चौड़ी लिस्ट है, जिसमें द्वारा गरीबों के उद्धार के नाम पर मुफ्त में सुविधाए देने का उपक्रम लम्बे समय से चल रहा है। मतदाताओं को भी मुफ्त के माल में खूब मजा आता है। उसकी इच्छाएं भी बढ़ती जा रही हैं,उसे फ्री में जितना मिलता है उससे संतुष्ट होने की बजाए मतदाता ‘यह दिल मांगे मोर’ की बात करता रहता है। अबकी से कुछ राजनैतिक दल विधान सभा चुनाव में मुफ्त बिजली का नया तड़का लगाने की तैयारी में हैं। आम आदमी पार्टी यूपी फतह के लिए 300 यूनिट बिजली फ्री देने की बात कर कर ही रहा था कि अब समाजवादी पार्टी ने भी तीन सौ यूनिट फ्री बिजली का शिगूफा छेड़ दिया है। हालांकि अभी पार्टी ने अधिकृत रूप से इस बात की घोषणा नहीं की है,लेकिन सपा की वॉल राइटिंग और बैनर-पोस्टरों में सपा सरकार बनने पर तीन सौ यूनिट फ्री बिजली देने की बात कही जा रही है। वहीं दूसरी तरफ समाजवादी आलाकमान भी इन बातों और दावों का खंडन नहीं कर रही है।
गौरतलब हो, अगले साल यूपी में विधानसभा चुनाव होने है।सभी राजनीतिक दल इसकी तैयारियों और मतदाताओं को लुभाने में जुटे हैं। नए-नए वादे और नारों की शुरुआत हो चुकी है। लखनऊ में समाजवादी पार्टी कार्यालय के बाहर चुनावी वादों के पोस्टर लगे हैं जिसकी खूब चर्चा हो रही है। इस पोस्टर में सपा की अगली सरकार प्रदेश में बनने पर 300 यूनिट फ्री बिजली का वादा किया गया है। अभी तक इस प्रकार का वादा आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल करते रहे थे। दिल्ली में इसी दावे के सहारे आप की सरकार भी बन गई थी। अब आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश,उत्तराखण्ड और पंजाब में भी बिजली फ्री देने की बात कर रही है। आम आदमी के अलावा यदि समाजवादी पार्टी भी इस चुनावी वादे के साथ चुनाव में उतरती है तो बड़ा सवाल यही होगा कि आम आदमी पार्टी जो पहली बार बड़े पैमाने पर यूपी चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है वो समाजवादी पार्टी के फ्री में बिजली देने के दावे की काट कैसे निकालेगी।
बता दें, फ्री बिजली वो प्रमुख मुद्दा है जिसको हथियार बनाकर आम आदमी पार्टी भारी बहुमत के साथ दिल्ली में सत्ता में आई थी। दिल्ली में आम आदमी पार्टी के इस चुनावी वादे का तोड़ दिल्ली बीजेपी भी नहीं निकाल पाई थी। दिल्ली के इस फॉर्मूले को आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल दूसरे राज्यों में भी अपना रहे हैं। पंजाब जहां पिछली बार सत्ता में आने से आम आदमी पार्टी रह गई वहां अगले साल चुनाव है। इस राज्य के लिए अरविंद केजरीवाल ने 300 यूनिट फ्री बिजली का वादा किया है। केजरीवाल और उनकी पार्टी ने ऐसा ही वादा उत्तराखंड के लिए भी किया है।
राजनीति के जानकारों को लगता है कि यूपी में समाजवादी पार्टी अपने आप को बीजेपी का प्रबल प्रतिद्वंदी मानती है। ऐसे में आम आदमी पार्टी का फ्री में बिजली वाला दांव चल जाता तो समाजवादी पार्टी को चुनाव में इसका बड़ा खामियाजा उठाना पड़ सकता था। पिछले दिनों आप सांसद संजय सिंह की सपा मुखिया अखिलेश यादव से मुलाकात हुई। इस मुलाकात की चर्चा भी खूब हुई थी। साथ ही अटकलें भी लगने लगी थीं कि क्या आम आदमी पार्टी अगला चुनाव सपा के साथ मिलकर लड़ेगी। बात सपा के फ्री में बिजली वाले पोस्टरों की कि जाएं तो लखनऊ में समाजवादी पार्टी के कार्यालय के बाहर लगे पोस्टर में फ्री बिजली का वादा किया गया है। पोस्टर में लिखा है-समाजवादी सरकार बनते ही पहली कैबिनेट की मीटिंग में 10 लाख युवाओं को नौकरी व 300 यूनिट फ्री बिजली पूरे उत्तर प्रदेश में देने का फैसला लिया जाएगा।
हालांकि, अभी तक अखिलेश यादव की ओर से ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई है। जिसके संबंध में तय माना जा रहा है कि इस वादे को पार्टी चुनावों में प्रमुखता से उठाएगी। आम आदमी पार्टी यदि प्रदेश में अकेले चुनाव में जाती है और यह वादा सपा की ओर से भी किया गया तो आम आदमी पार्टी के लिए मुश्किल होगी क्यांेकि यूपी में समाजवादी पार्टी ही बीजेपी को चुनौती देने की हैसियत में है,जबकि उत्तर प्रदेश में अभी आम आमदी पार्टी का जनाधार वैसा नहीं है।हालांकि पिछले कुछ समय से लगातार आम आदमी पार्टी यूपी में पार्टी को विस्तार देने में लगी है। आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह इसको लेकर काफी सक्रिय भी हैं। वह अपने आप को भावी सीएम की तरह प्रोजेक्ट भी कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी अपनी सभी मीटिंग और सभाओं में सस्ती बिजली का मुद्दा प्रमुखता से उठाती है। अब सपा भी उसी राह पर आगे बढ़ती नजर आ रही है। इसका मतलब यह तो तय है कि अगले चुनाव में यह मुद्दा अहम होने जा रहा है।
बहरहाल, समाजवादी पार्टी यदि फ्री बिजली का वादा करती है तो इससे होने वाले सियासी नुकसान को बचाने के लिए यदि बीजेपी की तरफ से भी इसी तरह की कोई घोषणा कर दी जाए तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए,इससे उपभोक्ताओं की बल्ले-बल्ले रहेगी,उनके दोनों हाथों में लड्डू आ जाएगा।