बूचा में हुई हत्याओं की निंदा में भारत ने कहा- संवाद और कूटनीति किसी भी विवाद का सही समाधान
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूक्रेन की स्थिति पर लोकसभा में कहा कि भारत ने अगर कोई पक्ष चुना है, तो वह शांति का पक्ष है। दरअसल, लोकसभा में यूक्रेन संकट को लेकर हुई चर्चा का विदेश मंत्री जवाब दे रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि यूक्रेन की स्थिति के संबंध में भारत के कदमों को राजनीतिक रंग देने का प्रयास दुर्भाग्यपूर्ण है। विदेश मंत्री ने साफ तौर पर कहा कि हम संघर्ष (रूस-यूक्रेन विवाद) के खिलाफ हैं। हमारा मानना है कि खून बहाकर और मासूमों की जान की कीमत पर कोई समाधान नहीं निकाला जा सकता है। संवाद और कूटनीति किसी भी विवाद का सही समाधान है।जयशंकर ने कहा कि कई सांसदों ने बूचा में घटना को उठाया। हम रिपोर्टों से बहुत व्यथित हैं। हम वहां हुई हत्याओं की कड़ी निंदा करते हैं। यह एक अत्यंत गंभीर मामला है, हम स्वतंत्र जांच के आह्वान का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में संघर्ष के वैश्विक अर्थव्यवस्था और हमारी राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण परिणाम हुए हैं। सभी देशों की तरह, हम भी इसके प्रभावों का आकलन कर रहे हैं और तय कर रहे हैं कि हमारे राष्ट्रीय हित के लिए सबसे अच्छा क्या है? इन परिस्थितियों में भारत को क्या करना चाहिए? ऐसे समय में जब ऊर्जा की लागत बढ़ गई है, स्पष्ट रूप से, हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि भारत में आम व्यक्ति अतिरिक्त और अपरिहार्य बोझ के अधीन न हो।विदेश मंत्री ने कहा कि आज की वैश्विक परिस्थितियों में हमारा मानना है कि सभी देशों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर और सभी अंतरराष्ट्रीय कानूनों तथा सभी की क्षेत्रीय अखंडता एवं सम्प्रभुता का सम्मान करना चाहिए। यूक्रेन की स्थिति के संदर्भ में विदेश मंत्री ने कहा कि भारत ने अगर कोई पक्ष चुना है, तो वह शांति का पक्ष है। हम तत्काल हिंसा समाप्त करने के पक्ष में हैं। यह रुख संयुक्त राष्ट्र सहित सभी मंचों पर हमने रेखांकित किया है। विदेश मंत्री ने कहा कि हम ने रूस और यूक्रेन के राष्ट्रपति स्तर से लेकर हर स्तर पर संवाद किया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं बात की। उन्होंने कहा कि भारत की यात्रा पर आए रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव को हमारा यही संदेश था कि भारत शांति के लिए कोई भी मदद दे सकता है तो इसके लिये तैयार है।