ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में हुई हिंसा पर सीएम योगी सख्त, सीओ और एसओ हुए सस्पेंड
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में ब्लॉक प्रमुख चुनाव के नामांकन के दौरान हिंसा तथा अभद्रता के मामले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ा रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को टीम-09 के साथ समीक्षा बैठक में गुरुवार को ब्लाक प्रमुख चुनाव के नामांकन के दौरान जिलों में हिंसा तथा अभद्रता पर रिपोर्ट तलब की। लखीमपुर खीरी जिले के पसगवां विकास खंड में क्षेत्र पंचायत प्रमुख के नामांकन के दौरान समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार के साथ कथित तौर पर अभद्रता, साड़ी खींचने और नामांकन पत्र फाड़ने के मामले में शुक्रवार को संबंधित क्षेत्र के पुलिस क्षेत्राधिकारी (CO), पसगवां थाना प्रभारी (SHO), चौकी प्रभारी एक इंस्पेक्टर और 3 सब इंस्पेक्टरों समेत कुल 6 पुलिस अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
आरोपी के खिलाफ रासुका लगाने के निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरोपी के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट के और रासुका लगाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने मौके पर मौजूद लापरवाही बरतने वाले अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया है। पुलिस के मुताबिक, पसगवां क्षेत्र पंचायत प्रमुख के निर्वाचन में गुरुवार को नामांकन प्रक्रिया के दौरान ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में मोहम्मदी क्षेत्राधिकारी अभय प्रताप मल्ला, पसगवां थाना प्रभारी आदर्श कुमार सिंह, चौकी प्रभारी के पद पर तैनात एक निरीक्षक और 3 उपनिरीक्षकों सहित छह पुलिस अधिकारियों को शुक्रवार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
‘आरोपी निर्दलीय है, बीजेपी समर्थक नहीं’
उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पंचायत चुनावों में कुछ जगहों पर हुई हिंसा को काफी गंभीरता से लिया है। उन्होंने लखीमपुर मामले में सीओ, एसओ, तीन सब इंस्पेक्टर को निलंबित करने के निर्देश दे दिए थे। इसके अलावा उन्होंने आरोपी के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट के तहत और रासुका लगाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि आरोपी निर्दलीय प्रत्याशी का समर्थक है, न कि बीजेपी का समर्थक। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत चुनावों में पहले की सरकारों की जोर जबरदस्ती जगजाहिर है। पिछली सरकार में ऐसा कोई चुनाव नहीं हुआ था, जिसमें लोगों की जानें नहीं गईं।
‘विपक्ष की हिसा की आदत गई नहीं है’
शर्मा ने कहा कि विपक्ष की हिंसा की आदत अभी गई नहीं है और वह पंचायत चुनाव में अराजकता की हदें पार कर करना चाह रहे हैं और जब उनकी मनमानी नहीं हो पा रही है, तब कानून व्यवस्था संभाल रहे प्रशासन के अधिकारियों पर आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष के ही एक एमएलसी का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह खुद अपनी पार्टी की गुंडई को सर्टिफाइड कर रहे हैं। वहीं, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने महिला की साड़ी खींचने संबंधी तस्वीर री-ट्वीट करते हुए सरकार पर तंज कसा। समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया है कि हमलावर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के थे और हमलावरों को बीजेपी की क्षेत्रीय सांसद (रेखा वर्मा) का संरक्षण प्राप्त है।