बड़े वाहनों से आतंकी हमला सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती : राजनाथ सिंह
इब्राहिमपत्तनम (तेलंगाना)। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने “लोन वुल्फ अटैक” और बड़े वाहनों से लोगों को कुचलने की नए किस्म की आतंकी घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि यह देश के लिए गंभीर चुनौती है। उन्होंने विशेष सुरक्षा बलों जैसे एनएसजी से इन खतरों से निपटने के लिए विशेष रूप से तैयार रहने को कहा है।
राजनाथ सिंह मंगलवार को तेलंगाना में एक दिवसीय दौरे पर आतंकवाद रोधी दस्ते नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) के 28वें विशेष समग्र समूह (एससीजी) के 200 एकड़ के परिसर का उद्घाटन करने पहुंचे थे। यह परिसर हैदराबाद के राजीव गांधी एयरपोर्ट से महज 33 किलोमीटर दूर है।
इस कमांडो फोर्स के अफसरों को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि आतंकवादी सोच के लोग हत्याओं और मारकाट के लिए नित-नए तरीके अपनाते हैं। हमने दुनिया भर में देखा है कि अब आतंकी वारदातों को अंजाम देने के लिए बड़े वाहनों का प्रयोग किया जा रहा है। इसके अलावा, “लोन वुल्फ अटैक” (अकेला हमलावर) के जरिए भी मौत और विनाश का खेल खेला जा रहा है। आतंकवादी क्रूर और बर्बर तरीके अपना रहे हैं। यह एक गंभीर चुनौती है और विशेष बलों जैसे एनएसजी को ऐसे खतरों से निपटने के लिए खुद को तैयार रखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से नित-नए खतरे बढ़ते जा रहे हैं, केंद्र सरकार भी इस बात पर विचार कर रही है कि कैसे एनएसजी की भूमिका और बढ़ाई जाए।
राजनाथ सिंह ने कहा कि नागरिकों को बंधक बनाने के आतंकी खतरे भी हैं। इन्हें देखते हुए भी एनएसजी को अपनी तकनीकी क्षमताएं और अन्य क्षमताएं बढ़ानी चाहिए। 26/11 के मुंबई आतंकी हमले के बाद से हरेक जांच एजेंसी को 24 घंटे काम करने की जरूरत है। उन्हें अपनी सतर्कता से यह सुनिश्चित करना होगा कि शांति भंग न हो।
केंद्रीय मंत्री ने सुरक्षा बलों की इस बात के लिए भी तारीफ की कि जम्मू और कश्मीर को छोड़कर देश में लंबे अरसे से कोई आतंकी वारदात नहीं होने पाई है। आतंकियों का मनोबल फिलहाल गिरा हुआ है लेकिन वह हमेशा मौके की तलाश में रहते हैं। इसलिए आपको लगातार नए तौर-तरीकों को आजमा कर अपनी क्षमताएं बढ़ानी होंगी।