भारतीयता को बरकरार रखना भारतीय सिनेमा की जिम्मेदारी: उपराष्ट्रपति नायडू
नयी दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने फ़िल्मों को सामाजिक बदलाव में अहम भूमिका निभाने वाला एक सशक्त माध्यम बताते हुए सोमवार को 66वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार समारोह में कहा कि भारतीयता को बरक़रार रखना भारतीय सिनेमा की ज़िम्मेदारी है और मूल्यों पर आधारित श्रेष्ठ फ़िल्मों का निर्माण किया जाना चाहिए। नायडू ने कहा कि कुप्रथाओं का अंत करने और महिला सशक्तिकरण का सार्थक संदेश देने में सिनेमा कारगर हथियार की भूमिका निभाता रहा है और अपेक्षा है कि इस जिम्मेदारी का निर्वाह आगे भी जारी रहेगा। इस अवसर पर सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने देश में अंतरराष्ट्रीय स्तर की फ़िल्मों के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए फ़िल्म डिवीज़न द्वारा ‘रियल सिंगल विंडो’ शुरू किए जाने की घोषणा की।
नायडू ने बच्चन के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हुए फ़िल्मों के माध्यम से देश के लिए किए गए उनके योगदान को सराहनीय बताया। समारोह के अंत मे जावड़ेकर ने बताया कि बच्चन को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 29 दिसंबर को एक संक्षिप्त समारोह में दादा साहब पुरस्कार प्रदान करेंगे। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति आज राजधानी से बाहर हैं इसलिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार विजताओं के सम्मान में 29 दिसंबर को राष्ट्रपति भवन में एक समारोह आयोजित किया गया है। उसी दौरान बच्चन को भी सम्मानित किया जाएगा।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा हर साल दिए जाने वाले राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार तीन वर्गों (फ़ीचर फ़िल्म, ग़ैर फ़ीचर फ़िल्म और सर्वश्रेष्ठ सिनेमा लेखन) में विभिन्न श्रेणियों में दिए जाते है। गुजराती फ़िल्म ‘हेल्लारो’ को सर्वश्रेष्ठ फ़ीचर फ़िल्म और हिंदी फ़िल्म ‘बधाई हो’ को लोकप्रिय एवं स्वस्थ मनोरंजन प्रदान करने वाली सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म का पुरस्कार दिया गया। सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार आयुष्मान खुराना को ‘अंधाधुन’ फ़िल्म के लिए और विकी कौशल को ‘उड़ी द सर्जिकल स्ट्राइक’ के लिए दिया गया जबकि सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार ‘महानटी’ फ़िल्म की अदाकारा कीर्तिसुरेश को प्रदान किया गया।