भारतीय पुरुष हॉकी टीम को सिल्वर से करना पड़ा संतोष
राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय पुरुष हॉकी टीम का ऑस्ट्रेलिया का वर्चस्व तोड़ने का सपना अधूरा रह गया। बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स के गोल्ड मेडल मैच में भारत को एकतरफा हार विश्व चैम्पियन टीम के हाथों मिली। ऑस्ट्रेलिया ने इस मुकाबले में मेन इन ब्लू को 7-0 से बुरी तरह हराया। यही कारण रहा कि भारत को सिल्वर मेडल से ही संतोष करना पड़ा। दिल्ली राष्ट्रमंडल खेल 2010 की कड़वीं यादें हॉकी प्रेमियों के जेहन में फिर ताजा हो गईं जब फाइनल में आस्ट्रेलियाई टीम ने भारत को 8-0 से हराया था। अगर इन खेलों की बात करें तो लीग चरण में अपराजेय और पूल में शीर्ष पर रहने वाली भारतीय टीम फाइनल मुकाबले में बिल्कुल फॉर्म में नहीं दिखी। फॉरवर्ड लाइन में तालमेल नहीं था और डिफेंस को ऑस्ट्रेलिया ने पूरी तरह नेस्तनाबूद कर दिया। उस पर कप्तान मनप्रीत सिंह को कंधे में लगी चोट ने भारत का प्रदर्शन बुरी तरह प्रभावित किया। ऑस्ट्रेलिया के लिये ब्लैक गोवर्स, नाथन एफराम्स, जैकब एंडरसन, टॉम विकहैम और फिन ओजिलवी ने गोल दागे। राष्ट्रमंडल खेलों में 1998 में हॉकी को शामिल किये जाने के बाद से सभी सात स्वर्ण ऑस्ट्रेलिया ने जीते हैं।
भारत को मिला तीसरा मेडल
भारतीय हॉकी टीम को कॉमनवेल्थ खेलों के इतिहास में तीसरा मेडल मिला है। खास बात यह है कि यह तीनों मेडल सिल्वर रहे हैं और तीनों बार फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने ही भारत को हराया है। गौरतलब है कि 1998 में पहली बार हॉकी को कॉमनवेल्थ खेलों में जगह मिली थी। ऑस्ट्रेलिया ने तब से लगातार 7वीं बार गोल्ड मेडल जीता है। भारत ने 2010 में दिल्ली और 2014 में ग्लास्गो में रजत पदक जीता था। इसके अलावा 2018 के गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में भारत चौथे स्थान पर रहा था।अगर भारतीय हॉकी टीमों (पुरुष और महिला) की बात करें तो महिला टीम ने भी ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था। इससे पहले टोक्यो ओलंपिक में भी पुरुष हॉकी टीम भारत के लिए ब्रॉन्ज मेडल लेकर आई थी। वहीं महिला हॉकी टीम ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए टोक्यो ओलंपिक में चौथे स्थान पर जगह बनाई थी। बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय पुरुष हॉकी टीम की हार के बाद भारत का सफर खत्म हुआ। भारत ने कुल 61 मेडलों के साथ मेडल टैली में चौथे स्थान पर अपनी जगह को काबिज रखा। भारत को 22 गोल्ड, 16 सिल्वर और 23 ब्रॉन्ज मेडल मिले।