भारत का दबाव काम आया, चीन के बीआरएफ में 35 गलियारों का नाम शामिल नहीं
बीजिंग: चीन की अरबों डॉलर की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) परियोजना में मूल रूप से सूचीबद्ध ‘बांग्लादेश, चीन, भारत, म्यामांर आर्थिक गलियारा’ (बीसीआईएम) यहां ‘बेल्ट एंड रोड फोरम’ की बैठक के समापन पर जारी नयी सूची से गायब है.
चीन का दूसरा बेल्ट एंड रोड फोरम (बीआरएफ) यहां शनिवार को 64 अरब डॉलर के सौदों पर हस्ताक्षर होने के साथ संपन्न हुआ. साथ ही, चीन के अरबों डॉलर की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के संदर्भ में संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता के प्रति सम्मान प्रकट किया गया, जो भारत की एक अहम मांग थी. फोरम की बैठक में 37 राष्ट्राध्यक्षों एवं शासनाध्यक्षों ने हिस्सा लिया.
पहले वर्ष में किया गया था उल्लेख, भारत ने किया था बहिष्कार
वर्ष 2017 की पहली बीआरएफ बैठक की तरह ही चीन – पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) पर अपने ऐतराज के चलते भारत इस दूसरी बैठक से भी दूर रहा. बैठक के समापन पर जारी संयुक्त बयान में एक सूची संलग्न है, जिसमें कनेक्टिविटी के समर्थन वाले आर्थिक गलियारों और अन्य परियोजनाओं के नाम हैं. सीपीईसी, नेपाल चीन ट्रांस हिमालय मल्टी डाइमेंशनल कनेक्टिविटी नेटवर्क (जिसमें नेपाल-चीन सीमापार रेलवे लाइन शामिल है) और चीन म्यामांर आर्थिक गलियारा का दक्षिण एशियाई क्षेत्र की सूची में उल्लेख है.
भारत सीपीईसी का करता रहा है विरोध
बांग्लादेश चीन भारत म्यामांर आर्थिक गलियारा (बीसीआईएमईसी) को बीआरआई की परियोजनाओं की नयी सूची में उल्लेखित 35 गलियारों में शामिल नहीं किया गया है. वर्ष 2013 में जब इस बीआरआई परियोजना को शुरू किया गया था, तब उसमें उसका भी उल्लेख किया गया था. भारत बीआरआई के तहत आने वाले सीपीईसी का विरोध करता रहा है क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से होकर गुजरता है.
2800 किलोमीटर लंबे बीसीआईएमईसी में चीन के युनांन प्रांत के कुनमिंग को कोलकाता से जोड़ने का प्रस्ताव है. यह गलियारा म्यामांर के मांडले और बांग्लादेश के ढ़ाका से गुजरेगा.