भारत की बेटी ने अंतरिक्ष में लहराया परचम

नई दिल्ली: कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स के बाद भारत की एक और बेटी ने अंतरिक्ष में उड़ान भरी है। आंध्र प्रदेश में जन्मी सिरिशा बांदला ने इतिहास रच दिया है। वह अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाली तीसरी भारतीय महिला बन गई है। उन्होंने अमेरिका के न्यू मैक्सिको प्रांत से ब्रिटिश अरबपति रिचर्ड ब्रैनसन के साथ ‘वर्जिन गैलेक्टिक’ की अंतरिक्ष के लिए पहली पूर्ण चालक दल वाली सफल परीक्षण उड़ान भरी।

आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में जन्मी बांदला चार साल की उम्र में अमेरिका चली गईं और 2011 में पर्ड्यू यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ एरोनॉटिक्स एंड एस्ट्रोनॉटिक्स से साइंस में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। उन्होंने 2015 में जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (MBA) की डिग्री पूरी की।

उसका अंतरिक्ष के लिए प्यार वास्तव में तब शुरू हुआ जब मैं ह्यूस्टन में रहती थी जो नासा से घिरा हुआ था। बांदला बताती हैं कि मैंने देखना शुरू किया कि कैसे लोग अंतरिक्ष यात्री बनते हैं और मैंने उसके बाद अपना करियर बनाने की कोशिश की। सिरिशा गैलेक्टिक कंपनी की गवर्नमेट अफेयर्स एंड रिसर्च ऑपरेशंस में वाइस प्रेसीडेंट हैं। उन्होंने यह उपलब्धि महज 6 साल में हासिल की है।

सिरिशा ने वर्जिन गेलेक्टिक के अंतरिक्ष विमान वीएसएस यूनिटी पर वर्जिन के संस्थापक रिचर्ड ब्रेनसन और चार अन्य लोगों के साथ उड़ान भरी। यह उड़ान ध्वनि की गति से लगभग साढ़े तीन गुना तेज थी। अपनी अंतरिक्ष उड़ान से पहले सिरिशा ने बताया था कि मुझे ऐसा लगता है कि मैं अपने साथ भारत को भी ऊपर लेकर जा रही हूं। बांदला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला के बाद अंतरिक्ष में जाने वाली केवल दूसरी भारत में जन्मी महिला है।भारत की ओर से राकेश शर्मा सबसे पहले अंतरिक्ष में गए थे। इसके बाद कल्‍पना चावला गई थीं। वहीं भारतीय मूल की सुनीता विलियम्‍स ने भी अंतरिक्ष में कदम रखा था।

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