भारत की 15वीं राष्ट्रपति बनीं द्रौपदी मुर्मू, CJI एनवी रमण ने दिलाई शपथ
द्रौपदी मुर्मू ने आज देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद यानी राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण किया. भारत के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनवी रमण ने उन्हें संसद भवन के ऐतिहासिक सेंट्रल हाॅल में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शपथ ग्रहण करने के बाद अपने संबोधन में कहा- सभी भारतीयों की अपेक्षाओंए आकांक्षाओं और अधिकारों के प्रतीक, संसद में खड़े होकर मैं आप सभी का नम्रतापूर्वक आभार व्यक्त करती हूं. इस नई जिम्मेदारी को निभाने के लिए आपका विश्वास और समर्थन मेरे लिए एक बड़ी ताकत होगी. मैं देश की पहली राष्ट्रपति हूं जिसका जन्म स्वतंत्र भारत में हुआ.
द्रौपदी मुर्मू देश की सबसे कम उम्र की व पहली आदिवासी राष्ट्रपति हैं. शपथ ग्रहण से पहले मुर्मू राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्मारक स्थल ‘राजघाट’ पहुंचीं और पुष्पांजलि अर्पित की. इसके बाद वह राष्ट्रपति भवन पहुंचीं, जहां निवर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उनकी पत्नी ने मुर्मू की अगवानी की. राष्ट्रपति के अंगरक्षक घुड़सवार दस्ते ने द्रौपदी मुर्मू को सलामी दी. इसके बाद निवर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, द्रौपदी मुर्मू संसद भवन के लिए रवाना हो गए. संसद भवन पहुंचने पर राज्यसभा के सभापति एवं उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने द्रौपदी मुर्मू और निवर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का सेंट्रल हाॅल के बाहर स्वागत किया.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का भाषण समाप्त होने के बाद उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने उसका कुछ अंश अंग्रेजी में पढ़ा. इसके बाद राष्ट्रपति मुर्मू की स्वीकृति लेकर राष्ट्रगान के साथ शपथ ग्रहण समारोह का समापन हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, केंद्रीय मंत्रिपरिषद के सदस्य, राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, राजनयिक मिशनों के प्रमुख, संसद सदस्य और सरकार के प्रमुख अधिकारी एवं सैन्य अधिकारी द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण में शामिल रहे. ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण में मौजूद रहे. आपको बता दें कि राष्ट्रपति मुर्मू ओडिशा की ही रहने वाली हैं. यहीं के एक गांव में संथाल जनजाति के परिवार में उनका जन्म हुआ था.