भारत ने UNSC में बूचा नरसंहार की निंदा की, कहा- मामले की होनी चाहिए स्वतंत्र जांच
नयी दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच में 40 दिनों से युद्ध चल रहा है। ऐसे में बूचा नरसंहार की कुछ तस्वीरों और वीडियोज ने दुनियाभर को झगझोर दिया है। भारत समेत दुनिया के कई मुल्कों ने बूचा नरसंहार की निंदा की है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) यूक्रेन मामले पर हुई चर्चा में भारत ने भी हिस्सा लिया। इस दौरान भारत ने बूचा नरसंहार की निंदा की और कहा कि मामले की स्वतंत्र जांच होनी चाहिए। भारतीय राजदूत टीएस तिरूमूर्ति ने कहा कि यूक्रेन के बूचा में नागरिकों का मारा जाना दर्दनाक है। इसकी भारत निंदा करता है। इस मामले मामले की स्वतंत्र जांच होनी चाहिए। इसके साथ ही भारत ने हिंसा को तत्काल समाप्त करने और शत्रुता को खत्म करने के अपने आह्वान को दोहराता है। उन्होंने कहा कि हमने संघर्ष की शुरुआत से ही कूटनीति और बातचीत के रास्ते पर चलने की जरूरत पर जोर दिया है।उन्होंने कहा कि यूएनएससी द्वारा पिछली बार इस मुद्दे पर चर्चा किए जाने के बाद से यूक्रेन की स्थिति में कोई उल्लेखनीय सुधार नहीं हुआ है। सुरक्षा की स्थिति केवल खराब हुई है, साथ ही इसके मानवीय परिणाम भी। बूचा में नागरिकों की हत्याओं की हालिया रिपोर्टें बहुत परेशान करने वाली हैं। हम इन हत्याओं की स्पष्ट रूप से निंदा करते हैं और स्वतंत्र जांच के आह्वान का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि जब निर्दोष मानव का जीवन दांव पर लगा हो तो कूटनीति को ही एकमात्र व्यवहार्य विकल्प के रूप में प्रबल होना चाहिए।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को संबोधित करते हुए रूस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हमारे नागरिकों को टैंकों से कुचल दिया गया, महिलाओं का उनके बच्चों के सामने बलात्कार किया और उन्हें मार डाला गया। उन्होंने कहा कि बूचा में रूसी सेना ने जो किया वह क्रूरता है। संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सचमुच उल्लंघन किया गया है।
इसके साथ ही वोलोदिमीर जेलेंस्की ने सवाल उठाते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को जो सुरक्षा मुहैया करानी थी वो कहां है ? वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि रूस यूक्रेन को मूक दास बनाना चाहता है।