भारत पर कोई देश दबाव नहीं डाल सकता- रुचिरा कंबोज
भारत ने गुरुवार को रूस के उस दावे का जवाब दिया जिसमें कहा गया था कि नाटो भारत पर मॉस्को व बीजिंग विरोधी गठबंधन में शामिल होने का दबाव डाल रहा है. संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने इस दावे पर कहा कि भारत एक बड़ा देश है, जो अपने दम पर खड़ा है और गौरवान्वित है. कोई भी इस पर दबाव नहीं डाल सकता. कंबोज ने कहा, भारत की बहुआयामी स्वतंत्र नीति है. रूस के साथ हमारे महत्वपूर्ण संबंध हैं और जहां तक अमेरिका के साथ संबंधों की बात है, यह एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी है, जो कभी भी इतनी मजबूत नहीं थी.
भारत दोनों पक्षों से कर रहा है बात
भारत ने सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता उस समय संभाली है, जब वीटो के अधिकार वाले रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण और उससे उपजे वैश्विक तनाव से वह असहाय हो चुका है. इस संदर्भ में पश्चिमी देशों और रूस के साथ भारत का संबंध उपयोगी हो सकता है. गुरुवार को महीने भर के लिए सुरक्षा परिषद के कार्यक्रम में यूक्रेन मुद्दे को शामिल नहीं किया गया है, लेकिन कंबोज ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मुद्दा सामने आएगा. यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के संदर्भ में कंबोज ने कहा, हम शुरू से ही बहुत स्पष्ट रहे हैं, हमने एक स्वर में शांति की बात की है. हम कूटनीति और संवाद के पक्षधर हैं. इसके लिए हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर दोनों पक्षों से बात कर रहे हैं. हम उन कुछ देशों में से हैं, जो दोनों से बात कर रहे हैं.
पीएम मोदी पुतिन से भी युद्ध पर जता चुके असहमति
उन्होंने याद दिलाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा था यह युद्ध का युग नहीं है और कहा कि इसे वैश्विक स्वीकृति भी मिली है. जी 20 की हालिया घोषणा में भी इसे शामिल किया गया है. प्रमुख औद्योगिक और उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के समूह जी20 ने पिछले महीने हुए अपने शिखर सम्मेलन में आम सहमति की बात कही थी. उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने यूक्रेन में बुनियादी ढांचे पर हमलों की निंदा की है.
भारत कर रहा है यूक्रेन की मदद
कंबोज ने बताया कि भारत यूक्रेन को 12 मेडिकल कंसाइनमेंट और शैक्षणिक संस्थानों के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है. एक रिपोर्टर द्वारा चीन में जारी विरोध प्रदर्शन और उसकी सरकार की कोविड नीति के बारे में पूछे जाने पर कंबोज ने कहा, हम अन्य देशों के आंतरिक और घरेलू मामलों पर टिप्पणी नहीं करते हैं, इस पर टिप्पणी करना हमारा काम नहीं है।