भारत में कोरोना वायरस के मरीजों की ठीक होने की दर 80 प्रतिशत के पार
नयी दिल्ली: भारत में लगातार तीसरे दिन कोविड-19 के 90 हजार से अधिक मरीज ठीक हुए और इसके साथ ही इस महामारी से ठीक होने की दर 80 प्रतिशत से अधिक हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय की ओर से जारी एक वक्तव्य में कहा गया कि पिछले चौबीस घंटे में 93,356 मरीज ठीक हुए हैं। वक्तव्य के अनुसार, “भारत में राष्ट्रीय स्तर पर कोविड-19 के मरीजों के ठीक होने की दर 80 प्रतिशत से अधिक हो गई है। लगातार तीसरे दिन भारत में 90 हजार से अधिक मरीज ठीक हुए हैं।” बारह राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में ठीक होने की दर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है।
कोविड-19 के मरीजों के ठीक होने के नए मामलों की संख्या का 79 प्रतिशत, दस राज्यों और संघ शासित प्रदेशों से है। वक्तव्य में कहा गया, “ठीक होने वाले मरीजों की कुल संख्या अब 43,96,399 हो गई है और इस मामले में भारत वैश्विक स्तर पर शीर्ष पर है। यह आंकड़ा विश्व में कोविड-19 के ठीक होने वाले मरीजों की संख्या का 19 प्रतिशत से अधिक है।”
भारत में एक दिन में कोविड-19 के 86,961 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के मामले सोमवार को बढ़ कर 54,87,580 हो गए। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में 43,96,399 लोगों के संक्रमण मुक्त होने के बाद मरीजों के ठीक होने की दर बढ़ कर अब 80.12 प्रतिशत हो गई। मंत्रालय की ओर से सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार देश में कोविड-19 के अभी तक कुल 54,87,580 मामले सामने आए हैं। वहीं, पिछले 24 घंटे में 1,130 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 87,882 हो गई।
आंकड़ों के अनुसार मृत्यु दर गिरकर 1.6 प्रतिशत हो गई है। देश में अभी 10,03,299 मरीजों का कोरोना वायरस का इलाज जारी है, जो कुल मामलों का 18.28 प्रतिशत है। भारत में कोविड-19 के मामले 21 दिन में 10 से 20 लाख के पार हुए थे। इसके बाद 16 दिन में में 20 से 30 लाख और 13 दिन में 30 से 40 लाख का आंकड़ा पार किया था। वहीं, 40 लाख से 50 लाख की संख्या पार करने में केवल 11 दिन लगे। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार देश में 20 सितम्बर तक कुल 6,43,92,594 नमूनों की कोविड-19 की जांच की गई है।
आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटे में जिन 1,130 लोगों की मौत हुए है, उनमें से सबसे अधिक 455 लोग महाराष्ट्र के थे। इसके अलावा कर्नाटक के 101, उत्तर प्रदेश के 94, पश्चिम बंगाल के 61, तमिलनाडु के 60, आंध्र प्रदेश के 57, पंजाब के 56, दिल्ली के 37, हरियाणा के 29, मध्य प्रदेश के 27, गुजरात के 17, केरल के 16, जम्मू-कश्मीर, असम तथा राजस्थान के 14-14, उत्तराखंड तथा छत्तीसगढ़ के 13-13, ओडिशा के 10, तेलंगाना तथा गोवा के नौ-नौ, त्रिपुरा के छह, चंडीगढ़ तथा हिमाचल प्रदेश के चार-चार, बिहार तथा सिक्किम के तीन-तीन और मणिपुर तथा झारखंड के दो-दो लोग थे।
आंकड़ों के अनुसार, अभी तक कुल 87,882 लोगों की मौत हुई है, इनमें सर्वाधिक 32,671 लोग महाराष्ट्र के हैं। वहीं, तमिलनाडु के 8,811, कर्नाटक के 8,023, आंध्र प्रदेश के 5,359 , उत्तर प्रदेश के 5,047, दिल्ली के 4,982 ,पश्चिम बंगाल के 4,359 , गुजरात के 3,319, पंजाब के 2,813 और मध्य प्रदेश के 1,970 लोग शामिल हैं। वहीं राजस्थान में 1,336 , हरियाणा में 1,149, तेलंगाना में 1,042, जम्मू-कश्मीर में 1,001, बिहार में 864 , ओडिशा में 701, छत्तीसगढ़ में 677 , झारखंड में 617 असम में 562, केरल में 535 और उत्तराखंड में 491 लोगों की मौत हुई है।
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार पुडुचेरी में 462, गोवा में 351, त्रिपुरा में 245, चंडीगढ़ में 123, हिमाचल प्रदेश में 120, मणिपुर में 57, अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह में 52, लद्दाख में 49, मेघालय में 36, सिक्किम में 28 , नगालैंड में 15, अरुणाचल प्रदेश में 13 और दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव में दो लोगों की इस बीमारी से मौत हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि संक्रमण की वजह से मरने वाले 70 प्रतिशत से अधिक लोग दूसरी बीमारियों से भी ग्रसित थे। मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर कहा, ”हमारे आंकड़ों का मिलान आईसीएमआर से किया जा रहा है।’’