भीमा कोरेगांव केस: हाईकोर्ट ने नवलखा, तेलतुंबडे की अग्रिम जमानत याचिकाएं खारिज की
मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने एल्गार परिषद के कथित माओवादी संपर्क मामले में नागरिक अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा और आनंद तेलतुंबडे को अग्रिम जमानत देने से शुक्रवार को इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति पी.डी.नाइक ने उनकी अग्रिम जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया। हालांकि, अदालत ने उनकी गिरफ्तारी से अंतरिम राहत की अवधि चार सप्ताह के लिए बढ़ा दी ताकि वे उच्चतम न्यायालय में अपील कर सकें।
पुणे पुलिस ने एक जनवरी 2018 को पुणे जिले के कोरेगांव भीमा गांव में हिंसा के बाद माओवादी संपर्कों तथा कई अन्य आरोपों में नवलखा, तेलतुंबडे और कई अन्य कार्यकर्ताओं पर मामला दर्ज किया। पुणे पुलिस के अनुसार, 31 दिसंबर 2017 को पुणे में हुए एल्गार परिषद सम्मेलन में ‘‘उत्तेजक’’ भाषण और ‘‘उकसावे’’ वाले बयान दिए गए जिससे अगले दिन कोरेगांव भीमा में जातीय हिंसा भड़क उठी। पुलिस ने आरोप लगाया कि इस सम्मेलन को माओवादियों का समर्थन प्राप्त था।