मंत्रोच्चार और सेना बैंड की धुनों के साथ खुले बद्रीनाथ धाम के कपाट, भारी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु
बद्रीनाथ धाम के कपाट आज सुबह 6.15 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। इस दौरान भगवान बद्री विशाल के दर्शन के लिए काफी संख्या में श्रद्धालु वहां मौजूद रहे। पूरे विधि-विधान, मंत्रोच्चार और सेना बैंड की धुनों के साथ भगवान के कपाट खोले गए। कोरोना काल में करीब दो साल बाद आम भक्तों के लिए बद्रीनाथ के कपाट खोले गए हैं। इस मौके पर धाम को 12 क्विंटल फूलों से सजाया गया।
सुबह तीन बजे से ही कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हो गई। श्री कुबेर जी बामणी गांव से लक्ष्मी द्वार से मंदिर में पहुंचे। वहीं श्री उद्धव जी की डोली मुख्य द्वार से अंदर लाई गई। रावल ( मुख्य पुजारी) ने गर्भगृह में प्रवेश कर मां लक्ष्मी को मंदिर में विराजमान किया। इसके बाद भगवान के सखा उद्धव जी और देवताओं के खजांची कुबेर जी मंदिर गर्भगृह में विराजमान किए गए। डिमरी पंचायत प्रतिनिधियों की ओर से बद्री विशाल के अभिषेक के लिए राजमहल नरेंद्र नगर से लाए गए तेल कलश को गर्भ गृह में समर्पित किया गया।
महिलाओं ने झुमेलो, दांकुडी चांचडी नृत्य किया
उद्धव और कुबेर के शीतकालीन प्रवास स्थल पांडुकेश्वर पहुंचने पर डोली, रावल और गाड़ू घड़ा (तेल कलश) का लोगों ने स्वागत किया। महिलाओं ने झुमेलो, दांकुडी चांचडी नृत्य किया। सुबह रावल ने धर्माधिकारी की मौजूदगी में पाडुकेश्वर के कबुरे और उद्धव मंदिर में पूजा अर्चना की। भक्त अब अगले छह महीने तक बद्री विशाल का दर्शन कर सकेंगे।
खतरनाक लैंडस्लाइड जोन पर चल रहा काम
बद्रीनाथ धाम खुलने के साथ ही यहां भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया है। परंतु यहां तक पहुंचने के लिए लोगों को काफी मुश्किलों का भी सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि जोशी मठ से बद्रीनाथ धाम के बीच करीब 50 किलोमीटर के रास्ते में कई खतरनाक लैंडस्लाइड जोन हैं। यात्रा का सीजन शुरू हो चुका है लेकिन अब तक डेंजर जोन सुरक्षित नहीं बन पाए हैं। हालांकि कई जगहों पर अच्छी सड़कें बन गई हैं। जगह-जगह काम भी चल रह है।
कॉरिडोर बनाने के लिए तोड़े गए कई दुकान और होटल
बता दें, बद्रीनाथ धाम में कॉरिडोर बनाने का काम चल रहा है। इसे वाराणसी के विश्वनाथ धाम की तर्ज पर बनाया जाएगा। इसके लिए पहले फेज में 29 दुकानों और होटलों को तोड़ा गया है। दूसरे फेज में कई अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान भी तोड़े जाएंगे। इसे व्यापारी नराज हैं।